Wednesday, July 31, 2013
महिला अधिकारी का निलम्बन वापस होगया होता तो एक अन्य की हत्या न हुयी होती.भाकपा.
आज एक बात पर बेहद आश्चर्य हो रहा है.अपने एक साल से अधिक के शासन काल में मुख्यमंत्री,उ.प्र.श्री अखिलेश यादव ने एक से एक शातिर और कुख्यात अधिकारी को मलाईदार पदों पर स्थापित किया है और वे अपने कुक्र्त्यों के चलते बेनकाब हो गए तो उनको दिखाबे के तौर पर स्थानांतरित या बुझे मन से निलंबित कर तो दिया लेकिन शीघ्र से शीघ्र उन्हें पुनर्स्थापित कर दिया.भले ही इन बे-ईमानों के पक्ष में चुहिया भी न आई हो.लेकिन दुर्गाशक्ति नागपाल जिसके निलम्बन पर समूचा समाज उद्वेलित है,उसके निलम्बन को आज तक वापस न लेना उत्तर प्रदेश सरकार के माफिया प्रेम को उजागर कर देता है.अखिलेश के इस माफिया प्रेम की भारी कीमत उस परिवार को चुकानी पड़ गयी जिस परिवार के पुरुष सदस्य की हत्या आज नॉएडा में उस समय कर दी गयी जब वह अपने घर में था.उसका कसूर बस इतना था कि वह खनन मफियायों की शिकायत समय-समय पर अधिकारियों से करता रहा था.इसीको कहते हैं उज्जवल छवि का युवा नेता.
डॉ.गिरीश.
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