Wednesday, July 17, 2013

विदेशी पूँजी निवेश के फैसले को तत्काल वापस ले सरकार--भाकपा

लखनऊ-१७ जुलाई. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी पूँजी निवेश (एफ डी आई ) की दर बड़े पैमाने पर बढ़ाने की कड़े शब्दों में निंदा की है. भाकपा इस फैसले को पूरी तरह नकारती है और इसे अविलम्ब बापस लेने कि मांग करती है. यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डॉ.गिरीश ने कहा कि दूर संचार, बीमा, क्रेडिट इनफार्मेशन एंड असेट्स रिकंस्ट्रक्शन कम्पनीज और यहाँ तक बेहद सम्वेदनशील रक्षा क्षेत्र तक में एफ डी आई को बढ़ाना बेहद घातक और देश के हितों के हर तरह विपरीत है. इस समय देश की अर्थव्यवस्था पहले ही बुरी हालत में पहुँच चुकी है. डालर के मुकाबले रुपया सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच चूका है. सकल घरेलू उत्पाद (जी डी पी ) की वृध्दि दर पांच प्रतिशत के नीचे जा पहुंची है. बेरोजगारी बड़ने से नौजवानों का भविष्य अंधकारमय हो गया है. हर चीज के दाम आसमान छू रहे हैं. तेल कम्पनियां पेट्रोल और डीजल के दामों में मनमाने तरीके से बडोत्तरी कर रहीं हैं. कान्ग्रेस के नेत्रत्व वाली संप्रग-2 सरकार अपनी जनविरोधी नीतियों की समीक्षा करने के बजाय एफ डी आई के बल पर हालात सुधारना चाहती है. यह बीमारी के कारणों के जरिये ही बीमारी का निदान करने जैसा ही है. भाकपा केंद्र सरकार से इस देश विरोधी फैसले को वापस लेने की मांग करती है. साथ ही जनता से अपील करती है कि सरकार के इस फैसले का जम कर विरोध करे. डॉ गिरीश, राज्य सचिव भाकपा, उत्तर प्रदेश.

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