Monday, July 8, 2013
उत्तर प्रदेश में विकल्प के निर्माण हेतु वामदलों ने तय किया लम्बा अभियान |
लखनऊ - प्रदेश के चार वामपंथी दलों ने उत्तर प्रदेश में भी एक वामपंथी जनवादी विकल्प स्थापित करने के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एकजुट प्रयास शुरू करने का निश्चय किया है | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मा) ,फार्बर्ड ब्लाक एवं आरएसपी के नेताओं की आज यहाँ भाकपा कार्यालय पर संपन्न संयुक्त बैठक में इस हेतु एक संयुक्त अभियान की रुपरेखा तैयार की गयी |
बैठक में निर्णय लिया गया कि चारों वामदल जुलाई -अगस्त माहों में जिलों जिलों में वामदलों के दिल्ली कन्वेंशन के घोषणापत्र को आधार बनाकर जन अभियान चलाएंगे |इसके तहत जिलों में सभायें , गोष्ठी एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित करेंगे | अगस्त माह में ही प्रदेश में कुल छह आंचलिक सम्मेलन - लखनऊ , वाराणसी , इलाहाबाद , बरेली , मेरठ और झाँसी में आयोजित किये जायेंगे | लखनऊ समेलन राज्य स्तरीय होगा जो पच्चीस अगस्त को सम्पन्न होगा | शेष सम्मेलनों की तिथियाँ आयोजक कमेटियां तय करेंगी |
इस अभियान के हेतु तैयार राजनीतिक परिपत्र में वामदलों ने कहा है कि कांग्रेस के नेत्रत्व में चल रही केंद्र की संप्रग - २ सरकार आर्थिक नवउदारवाद के रास्ते पर चल रही है जिसके कारण जनता के ऊपर हर तरह से भार बड़ा रही है | सरकार की नीतियों के चलते महंगाई में भारी वृध्दि हुई है , भ्रष्टचार चरम पर है , बेरोजगारी की दर में भारी इजाफा हुआ है , खाद्य सुरक्षा के नाम पर जनता को धोखा दिया जा रहा है , विकास दर तथा रूपये की कीमत गिर कर इतिहास के सबसे नीचे स्तर पर पहुँच गई है |किसान मजदूर और जनता के अन्य हिस्से बेहद कठिनाइयों से गुजर रहे हैं |मुख्य विपक्षी दल भाजपा भी इन्हीं आर्थिक नीतियों की पोषक है और ऊपर से अपने विभाजनकारी सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढाने की कोशिश में लगी है |
उतर प्रदेश सरकार अपने चुनावी वायदों को पूरा नहीं कर पा रही , किसानों के कर्जे माफ़ नहीं किये गये , समस्त बेरोजगारों को भत्ता देने का वायदा अधूरा पड़ा है , लेपटाप बाँटने को चुनावी अभियान बना दिया गया है और उस पर बड़े पैमाने पर सरकारी धन का अपव्यय होरहा है , किसानों की जमीनों का बढ़े पैमाने पर अधिग्रहण जारी है , शिक्षा एवं चिकित्सा का निजीकरण आम आदमी के लिए भारी संकट पैदा कर रहा है , बिजली की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी कर दी गई है , महंगाई को काबू में लाने की कोई कोशिश नहीं की जारही तथा शासन - प्रशासन में भ्रष्टाचार एवं कानून - व्यवस्था की बदतर स्थिति के चलते आम आदमी का जीवन दूभर होगया है |प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल - बसपा जनता के सवालों पर आवाज उठाने के बजाय जातिगत लामबंदी में ही ऊर्जा लगा रहा है |
ऐसे में वामपंथ नीतियों और कार्यक्रमों के आधार पर आन्दोलन को आगे बढायेगा ताकि जनवादी शक्तियों को भी इस कार्यक्रम के इर्द -गिर्द गोलबंद किया जा सके |
वामदलों की बैठक में उत्तराखंड की आपदा में मृत लोगों के प्रति श्रध्दांजलि अर्पित की गई और घायलों के प्रति सहानुभूति प्रकट की गई |
बैठक में भाकपा के राज्य सचिव डॉ गिरीश , माकपा के राज्य सचिव का . एस पी कश्यप , फार्बर्ड ब्लाक के अध्यक्ष हंसराज अकेला ,आरएसपी के नेता संतोष गुप्ता , भाकपा के राज्य सहसचिव अरविन्द राज स्वरुप तथा माकपा राज्य सचिव मंडल के सदस्य का दीनानाथ सिंह ने विचार व्यक्त किये |
डॉ गिरीश
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