Tuesday, July 16, 2013

लैपटाप वितरण जन-धन का दुरूपयोग

लैप-टाप के वितरण समारोहों के आयोजन पर होरहे भारी खर्चों के लिए समूचे विपक्ष की आलोचना झेल रही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पिछले दिनों खबर दी गई कि अब यह वितरण जिला प्रशासन की देख-रेख में कालेज के प्रधानाचार्यों के जरिये कराया जायेगा| अब आज मुख्य मंत्री ने कहा है कि हमारा काम बाँटना है और हम बाँटेंगे| खबर है कि इलाहाबाद में आयोजित होने वाले समारोह के लिए डेढ़ लाख का बजट बना है| लगता है अपने को समाजवादी कहने वाली सरकार को जनता के दूसरे सरोकारों से कोई लेना-देना नहीं| तभी तो वह उसकी गाढ़े पसीने की कमाई को दोनों हाथों से उलीच रही है| लैप-टाप से जुडी एक रोचक खबर और है- एच.पी. ने रु. एक हजार करोड़ की कीमत के लैप-टाप प्रदेश सरकार को सप्लाई कर दिए,लेकिन उसे अभी तक सौ करोड़ रु. का ही भुगतान मिला है| एच.पी. के नौ सौ करोड़ रु. सरकार पर बकाया पड़े हैं| लेकिन सरकार के मुखिया बेपरवाह हैं| उन्होंने मीडिया के समक्ष टका सा जबाब दे दिया- “हमारा काम बाँटना है, भुगतान का अधिकारी जानें|” अब खुद ही हैं कोतवाल तो डर कैसा| डॉ.गिरीश.

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