लखनऊ 15 मई।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य कौंसिल की दो दिवसीय बैठक यहां पार्टी के राज्य
कार्यालय पर सम्पन्न हुई। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी
दोनों दिन उपस्थित रहे।
बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता के विभिन्न हिस्से इस बीच विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। शासन-प्रशासन अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। अतएव जनता की तमाम समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिये भाकपा राज्य काउंसिल ने 30 मई को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। प्रदर्शन और आम सभाओं के बाद राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को दिया जायेगा।
धरना/प्रदर्शन के जरिये महंगाई तथा उच्च पदों पर भ्रष्टाचार के अलावा जिन प्रमुख मुद्दों को उठाया जायेगा वे हैं: किसानों से गेहूं सरकारी रेट पर बिना रोक-टोक के बिना विलम्ब किये खरीदा जाये, खरीद का भुगतान तत्काल किया जाये, आढ़तियों द्वारा गेहूं खरीद का भुगतान तत्काल किया जाये, आढ़तियों द्वारा गेहूं खरीद कराने का फैसला बदला जाये ताकि किसानों की ठगी रोकी जा सके।
भाकपा मांग करेगी कि युवा बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराया जाये; सरकारी, अर्द्धसरकारी, सहकारी तथा शिक्षा विभागों में रिक्त पड़े पदों को तत्काल भरा जाये। 20 वर्ष से ऊपर समस्त बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाये।
भाकपा इन दिनों दलितों, पीड़ितों, महिलाओं तथा आम जनों पर हो रहे आक्रमणों को रोके जाने और कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने की भी मांग करेगी। साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने, लोकायुक्त द्वारा पूर्व मंत्रियों के खिलाफ सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय के तहत जांच कराने की अनुशंसा को बिना विलम्ब के लागू किये जाने, लोकायुक्त संस्था को व्यापक तथा मजबूत बनाये जाने, 21 चीनी मिलों को बिक्री को रद्द कर बिक्री में हुये घोटालों की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की जायेगी।
भाकपा उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, उनमें व्याप्त भ्रष्टाचार की समाप्ति तथा प्रदेश के चारों भागों में चार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खोले जाने की मांग उठायेगी। गरीबों के उत्थान को तमाम योजनायें बनाने और उन्हें न्यायपूर्ण तरीके से लागू किये जाने, समस्त गरीबों की शिक्षित बेटियों को रू. 30,000.00 की अनुग्रह राशि दिये जाने तथा गरीबों के श्मशानों की चहारदीवारी कराने को भी आवाज उठायेगी।
आन्दोलन के दौरान किसानों को पर्याप्त बिजली आपूर्ति देने, बिजली वितरण के निजीकरण पर रोक लगाने तथा आगरा की बिजली वितरण व्यवस्था को पुनः पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम को दिये जाने की मांग उठाई जायेगी। साथ ही खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश रोके जाने का आग्रह राज्य सरकार के माध्यम से केन्द्र सरकार से किया जायेगा।
राज्य कौंसिल ने आगामी निकाय चुनाव में पार्टी चुनाव चिन्ह पर बड़े पैमाने पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। जिला कमेटियों से आग्रह किया गया है कि पार्टी की आर्थिक स्थिति को सुधारने को योजना बनाकर जिलों-जिलों में 4-5 दिवसीय धन एवं अनाज संग्रह अभियान चलायें। साथ ही जहां-जहां अभी तक पार्टी महाधिवेशन की रिपोर्टिंग नहीं हुई है, वहां इस काम को पार्टी की जनरल बॉडी की बैठक बुला कर जल्दी ही पूरा करने का निर्देश भी जिला कमेटियों को दिया गया है।
पार्टी काउंसिल बैठक में महत्वपूर्ण सांगठनिक निर्णय भी लिये गये। एक पच्चीस सदस्यीय राज्य कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसमें 2 सदस्य विशिष्ट आमंत्रित तय किये गये। एक सात सदस्यीय सचिव मंडल का चुनाव किया गया जिसमें डा. गिरीश, इम्तियाज अहमद (पूर्व विधायक), अरविन्द राज स्वरूप, अशोक मिश्र, विश्वनाथ शास्त्री, आशा मिश्रा तथा सदरूद्दीन राना शामिल हैं।
राज्य कौंसिल ने इम्तियाज अहमद एवं अरविन्द राज स्वरूप को सहायक सचिव तथा प्रदीप तिवारी को कोषाध्यक्ष निर्वाचित किया। सभी चुनाव सर्वसम्मति से किये गये।
बैठक में अंतर्राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों तथा हाल ही में पटना में सम्पन्न भाकपा के 21वें महाधिवेशन में लिये गये फैसलों पर भाकपा महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने विस्तार से प्रकाश डाला। भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने हाल ही में सम्पन्न उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों की समीक्षा रिपोर्ट पेश की तथा गठित नई सरकार के डेढ़ माह के शासनकाल का विश्लेषण प्रस्तुत किया जिन पर 42 साथियों ने विचार व्यक्त किये। दोनों ही रिपोर्टें सर्वसम्मति से पारित की गयीं।
बैठक की अध्यक्षता दीना नाथ सिंह, इम्तियाज अहमद एवं आशा मिश्रा के अध्यक्ष मंडल ने की।
बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता के विभिन्न हिस्से इस बीच विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। शासन-प्रशासन अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। अतएव जनता की तमाम समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिये भाकपा राज्य काउंसिल ने 30 मई को पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। प्रदर्शन और आम सभाओं के बाद राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को दिया जायेगा।
धरना/प्रदर्शन के जरिये महंगाई तथा उच्च पदों पर भ्रष्टाचार के अलावा जिन प्रमुख मुद्दों को उठाया जायेगा वे हैं: किसानों से गेहूं सरकारी रेट पर बिना रोक-टोक के बिना विलम्ब किये खरीदा जाये, खरीद का भुगतान तत्काल किया जाये, आढ़तियों द्वारा गेहूं खरीद का भुगतान तत्काल किया जाये, आढ़तियों द्वारा गेहूं खरीद कराने का फैसला बदला जाये ताकि किसानों की ठगी रोकी जा सके।
भाकपा मांग करेगी कि युवा बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराया जाये; सरकारी, अर्द्धसरकारी, सहकारी तथा शिक्षा विभागों में रिक्त पड़े पदों को तत्काल भरा जाये। 20 वर्ष से ऊपर समस्त बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाये।
भाकपा इन दिनों दलितों, पीड़ितों, महिलाओं तथा आम जनों पर हो रहे आक्रमणों को रोके जाने और कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने की भी मांग करेगी। साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने, लोकायुक्त द्वारा पूर्व मंत्रियों के खिलाफ सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय के तहत जांच कराने की अनुशंसा को बिना विलम्ब के लागू किये जाने, लोकायुक्त संस्था को व्यापक तथा मजबूत बनाये जाने, 21 चीनी मिलों को बिक्री को रद्द कर बिक्री में हुये घोटालों की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की जायेगी।
भाकपा उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, उनमें व्याप्त भ्रष्टाचार की समाप्ति तथा प्रदेश के चारों भागों में चार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) खोले जाने की मांग उठायेगी। गरीबों के उत्थान को तमाम योजनायें बनाने और उन्हें न्यायपूर्ण तरीके से लागू किये जाने, समस्त गरीबों की शिक्षित बेटियों को रू. 30,000.00 की अनुग्रह राशि दिये जाने तथा गरीबों के श्मशानों की चहारदीवारी कराने को भी आवाज उठायेगी।
आन्दोलन के दौरान किसानों को पर्याप्त बिजली आपूर्ति देने, बिजली वितरण के निजीकरण पर रोक लगाने तथा आगरा की बिजली वितरण व्यवस्था को पुनः पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम को दिये जाने की मांग उठाई जायेगी। साथ ही खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश रोके जाने का आग्रह राज्य सरकार के माध्यम से केन्द्र सरकार से किया जायेगा।
राज्य कौंसिल ने आगामी निकाय चुनाव में पार्टी चुनाव चिन्ह पर बड़े पैमाने पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। जिला कमेटियों से आग्रह किया गया है कि पार्टी की आर्थिक स्थिति को सुधारने को योजना बनाकर जिलों-जिलों में 4-5 दिवसीय धन एवं अनाज संग्रह अभियान चलायें। साथ ही जहां-जहां अभी तक पार्टी महाधिवेशन की रिपोर्टिंग नहीं हुई है, वहां इस काम को पार्टी की जनरल बॉडी की बैठक बुला कर जल्दी ही पूरा करने का निर्देश भी जिला कमेटियों को दिया गया है।
पार्टी काउंसिल बैठक में महत्वपूर्ण सांगठनिक निर्णय भी लिये गये। एक पच्चीस सदस्यीय राज्य कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसमें 2 सदस्य विशिष्ट आमंत्रित तय किये गये। एक सात सदस्यीय सचिव मंडल का चुनाव किया गया जिसमें डा. गिरीश, इम्तियाज अहमद (पूर्व विधायक), अरविन्द राज स्वरूप, अशोक मिश्र, विश्वनाथ शास्त्री, आशा मिश्रा तथा सदरूद्दीन राना शामिल हैं।
राज्य कौंसिल ने इम्तियाज अहमद एवं अरविन्द राज स्वरूप को सहायक सचिव तथा प्रदीप तिवारी को कोषाध्यक्ष निर्वाचित किया। सभी चुनाव सर्वसम्मति से किये गये।
बैठक में अंतर्राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों तथा हाल ही में पटना में सम्पन्न भाकपा के 21वें महाधिवेशन में लिये गये फैसलों पर भाकपा महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने विस्तार से प्रकाश डाला। भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने हाल ही में सम्पन्न उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों की समीक्षा रिपोर्ट पेश की तथा गठित नई सरकार के डेढ़ माह के शासनकाल का विश्लेषण प्रस्तुत किया जिन पर 42 साथियों ने विचार व्यक्त किये। दोनों ही रिपोर्टें सर्वसम्मति से पारित की गयीं।
बैठक की अध्यक्षता दीना नाथ सिंह, इम्तियाज अहमद एवं आशा मिश्रा के अध्यक्ष मंडल ने की।
No comments:
Post a Comment