गाजियाबाद 16 अक्टूबर। 15-16 अक्टूबर 2011 को गाजियाबाद में अखिल भारतीय नौजवान सभा, उत्तर प्रदेश का राज्य सम्मेलन उत्साहपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुआ। राज्य सम्मेलन 15 अक्टूबर 2011 को प्रातः सेठ मीनामल धर्मशाला के सभागार में विनय पाठक, निधि चौहान तथा जावेद खान सैफ के अध्यक्षमंडल की अध्यक्षता में प्रारम्भ हुआ।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने उदारीकरण एवं निजीकरण की प्रतिगामी आर्थिक नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार ने पूंजी परस्त नीतियों पर चल कर नौजवानों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। सरकारों द्वारा निर्धारित नीतियों के कारण देश में विषमतायें बढ़ती चली जा रही हैं। गरीब और गरीब होता चला जा रहा है और देश की पूंजी चंद अमीरों के पास एकत्रित हो गई है। सब कुछ बाजार के लिए खोल दिया गया है। नौजवानों की बेरोजगारी दूर करने, अच्छी एवं निःशुल्क शिक्षा देने, स्वास्थ्य की देखरेख करने की सारी जिम्मेदारी सरकारों ने अपने कंधों से उतार कर बाजार की शक्तियों को दे दी है। इसी कारण समाज में भ्रष्टाचार की सारी सीमायें टूट गई हैं और काला धन विदेशी बैंकों में जमा हो रहा है। यह काला धन एक अपसंस्कृति को जन्म दे रहा है। उन्होंने नौजवानों का आह्वान किया कि वह अपने संगठित एवं संयमित आन्दोलन से इन परिस्थितियों को बदलें और सामाजिक परिवर्तन के लिए संघर्षों को आयोजित करें।
उद्घाटन भाषण के पूर्व शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं पत्रकार तथा सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष शकील अहमद सैफ ने उपस्थित प्रतिनिधियों एवं आगन्तुकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गाजियाबाद 1857 की क्रान्ति का प्रमुख केन्द्र था और कई बार बंटने के बावजूद क्रान्ति की ज्वाला यहां निरन्तर प्रज्वलित है। उन्होंने आशा जताई कि सम्मेलन के प्रदेश के कोने-कोने से आये प्रतिनिधिगण गाजियाबाद की क्रान्तिकारी धरा से संघर्षों के ऐसे संकल्पों को लेकर अपने-अपने इलाकों को वापस जायेंगे कि पूरे प्रदेश में सामाजिक परिवर्तन के संघर्षों की प्रचण्ड ज्वाला दहक उठे।
नौजवान सभा के राष्ट्रीय महामंत्री पी. सन्दोश ने उद्घाटन सत्र में सम्मेलन के प्रतिनिधियों तथा अतिथियों को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि नौजवान सभा पूरे भारत में नौजवानों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है। नौजवान सभा ने ही सबसे पहले 18 वर्ष की उम्र में वोट डालने के अधिकार की मांग उठाई थी। उसके संघर्ष के कारण ही आज नौजवान 18 वर्ष की उम्र में वोट डालने का अधिकार प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि नौजवान सभा भ्रष्टाचार, मंहगाई तथा रोजगार प्राप्त करने के लिए निरन्तर संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि इस समय नौजवानों में भारी नाराजगी है और हमें इस गुस्से को सकारात्मक संघर्ष में बदलना है। उन्होंने नौजवानों को बताया कि भारत ही नहीं वरन् दुनिया भर के नौजवान आज संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश के नौजवान भी इन संघर्षों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए भाकपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य अरविन्द राज स्वरूप ने कहा कि नौजवानों को भगत सिंह के सपने साकार करने हैं और देश में समाजवाद स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त करना है। पूंजीवादी शोषण से मुक्ति ही नौजवानों की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मजबूत नौजवान सभा समाज में आमूल-चूल परिवर्तन का वाहक बनेगी।
प्रथम दिन के प्रतिनिधि सत्र में संयोजक नीरज यादव ने राजनीतिक एवं सांगठनिक रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में 5 अगस्त 2010 से सांगठनिक कार्यों की चर्चा करते हुए कहा गया है कि अगस्त 2010 में गठित संयोजन समिति के निर्णयों के अनुसार 23 सितम्बर 2010 को कानपुर में कन्वेंशन किया गया तथा राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रदेश से प्रतिनिधियों को भेजा गया। विभिन्न जिलों में बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, पब्लिक स्कूल, विद्यालयों तथा विश्विद्यालयों में बढ़ी फीसों के विरूद्ध धरने-प्रदर्शन किये गये। 12-13 अगस्त 2011 को लखनऊ में सम्पन्न स्टूडेन्ट्स फेडरेशन के प्लेटिनम जुबली समारोह में विभिन्न जिलों के नौजवानों ने इंतेजाम करने में भरपूर सहयोग किया। 28 सितम्बर 2011 को लखनऊ विधान सभा/झूले लाल पार्क में 500 नौजवानों-छात्रों ने जुलूस निकाल कर एक दिवसीय धरना दिया। तमाम जिलों में सदस्यता अभियान चलाया गया जिनमें से 16 जिलों में सम्मेलन सम्पन्न हो चुके हैं। बाकी जिलों में सम्मेलन करवाने का प्रयास जारी है। रिपोर्ट में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं की भी विशद चर्चा की गयी।
सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न जिलों से आये 26 प्रतिनिधियों ने संयोजक की रिपोर्ट पर बहस में भागीदारी की तथा रिपोर्ट को सर्वसम्मति से स्वीकार किया। रिपोर्ट अंगीकृत करते हुए सम्मेलन ने सदस्यता को 15 हजार से बढ़ाकर एक लाख करने, राज्य केन्द्र को संसाधनों से लैस करने, संगठन चलाने के लिए कोष एकत्रित करने तथा बैंक खाता खोलने का संकल्प किया गया।
इस सत्र में नौजवानों को सम्बोधित करते हुए नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम ने नौजवानों को अनगिनत समस्याओं का उल्लेख करते हुए प्रदेश के नौजवानों का आह्वान किया कि वे पूरे प्रदेश में संगठित होकर देश की नियति को बदलें। आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन की राज्य संयोजिका कु. निधि चौहान ने भी प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया।
अपने सारगर्भित उद्बोधन में मेरठ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. आर.बी.एल. गोस्वामी ने नौजवानों का आह्वान किया कि वे भ्रष्टाचार और पूंजीवादी शोषक व्यवस्था को बदलें। उन्होंने कहा कि वह जामवंत की भूमिका में हनुमान को उनकी ताकत का आभास करवाने के लिए आये हैं। उन्होंने कहा कि आज की भ्रष्ट व्यवस्था में अभी भी साम्यवादी नेताओं के ऊपर एक भी उंगली नहीं उठी है। उन्होंने नौजवानों से कहा कि वह अन्याय और असमानता पैदा करने वाले कारणों के विरूद्ध जमकर संघर्ष करें। डा. गोस्वामी के उद्बोधन को खचाखच भरे सभागार में श्रोताओं ने बड़े मनोयोग से सुना।
सम्मेलन के अंतिम सत्र में 35 सदस्यीय राज्य कौंसिल का सर्वसम्मति से चुनाव किया गया। नई राज्य कौंसिल ने विनय पाठक को अध्यक्ष, जावेद खान सैफ, मुन्नी लाल दिनकर, आफताब हुसैन रिजवी तथा राज करण को उपाध्यक्ष, नीरज यादव को महामंत्री तथा शशि कान्त सिंह एवं डा. रघुनाथ को सहायक मंत्री निर्वाचित किया। दो सहायक मंत्रियों के पदों को रिक्त रखा गया।
भाकपा जिला सचिव जितेन्द्र शर्मा ने अपने भावुक सम्बोधन में प्रतिनिधियों और आगन्तुकों को धन्यवाद देते हुए सम्मेलन करवाने की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर गाजियाबाद भाकपा की ओर से प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने सम्मेलन के सफल आयोजन में सहयोग के लिए पार्टी के साथियों तथा नौजवान सभा के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि नौजवानों पर देश बचाने और भविष्य में अच्छे नेता बनने का भारी दायित्व है।
अध्यक्ष मंडल की ओर से जावेद खान सैफ ने समस्त प्रतिनिधियों और आगन्तुकों के साथ-साथ सम्मेलन में आये प्रतिनिधियों के ठहरने एवं भोजन की अति उत्तम व्यवस्था करने के लिए गाजियाबाद के साथियों, विशेषकर भाकपा के नेतृत्व की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए भरोसा दिलाया कि नौजवान अपने दायित्वों से पीछे नहीं होंगे। नव निर्वाचित अध्यक्ष विनय पाठक ने सबको धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की।
ज्ञातव्य हो कि उत्तर प्रदेश में नौजवान सभा निष्क्रियता की शिकार थी। लखनऊ में 5 अगस्त 2010 को आयोजित भाकपा की यूथ कैडर बैठक में भाकपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पल्लब सेनगुप्ता तथा एआईवाईएफ के तत्कालीन महासचिव के. मुरूगन की उपस्थिति में नौजवान सभा को सक्रिय करने के लिए एक संयोजन समिति गठित की गई थी। यूथ कैडर बैठक के निर्णय के अनुसार तथा एआईवाईएफ के राष्ट्रीय केन्द्र की अपेक्षाओं के अनुरूप संयोजन समिति ने भाकपा की कानपुर जिला कौंसिल के सहयोग से कानपुर में 23 सितम्बर 2010 को एक सफल राज्य स्तरीय यूथ कन्वेंशन आयोजित किया। कन्वेंशन में संयोजन समिति विस्तारित की गयी तथा 28 सितम्बर से 1 अक्टूबर 2010 तक जालंघर में आयोजित एआईवाईएफ के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव हुआ। इस कन्वेंशन के बाद नौजवान सभा ने प्रदेश में पुनः गति पकड़ना शुरू कर दिया। इन्हीं प्रयासों की परिणति गाजियाबाद में नौजवान सभा के राज्य सम्मेलन में हुई।
सम्मेलन में दोनों दिन अखिल भारतीय नौजवान सभा के अध्यक्ष आफताब आलम, महामंत्री पी. सन्दोश, भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश तथा नौजवान सभा के इंचार्ज अरविन्द राज स्वरूप निरन्तर मौजूद रहे।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने उदारीकरण एवं निजीकरण की प्रतिगामी आर्थिक नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार ने पूंजी परस्त नीतियों पर चल कर नौजवानों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है। सरकारों द्वारा निर्धारित नीतियों के कारण देश में विषमतायें बढ़ती चली जा रही हैं। गरीब और गरीब होता चला जा रहा है और देश की पूंजी चंद अमीरों के पास एकत्रित हो गई है। सब कुछ बाजार के लिए खोल दिया गया है। नौजवानों की बेरोजगारी दूर करने, अच्छी एवं निःशुल्क शिक्षा देने, स्वास्थ्य की देखरेख करने की सारी जिम्मेदारी सरकारों ने अपने कंधों से उतार कर बाजार की शक्तियों को दे दी है। इसी कारण समाज में भ्रष्टाचार की सारी सीमायें टूट गई हैं और काला धन विदेशी बैंकों में जमा हो रहा है। यह काला धन एक अपसंस्कृति को जन्म दे रहा है। उन्होंने नौजवानों का आह्वान किया कि वह अपने संगठित एवं संयमित आन्दोलन से इन परिस्थितियों को बदलें और सामाजिक परिवर्तन के लिए संघर्षों को आयोजित करें।
उद्घाटन भाषण के पूर्व शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं पत्रकार तथा सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष शकील अहमद सैफ ने उपस्थित प्रतिनिधियों एवं आगन्तुकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गाजियाबाद 1857 की क्रान्ति का प्रमुख केन्द्र था और कई बार बंटने के बावजूद क्रान्ति की ज्वाला यहां निरन्तर प्रज्वलित है। उन्होंने आशा जताई कि सम्मेलन के प्रदेश के कोने-कोने से आये प्रतिनिधिगण गाजियाबाद की क्रान्तिकारी धरा से संघर्षों के ऐसे संकल्पों को लेकर अपने-अपने इलाकों को वापस जायेंगे कि पूरे प्रदेश में सामाजिक परिवर्तन के संघर्षों की प्रचण्ड ज्वाला दहक उठे।
नौजवान सभा के राष्ट्रीय महामंत्री पी. सन्दोश ने उद्घाटन सत्र में सम्मेलन के प्रतिनिधियों तथा अतिथियों को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि नौजवान सभा पूरे भारत में नौजवानों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है। नौजवान सभा ने ही सबसे पहले 18 वर्ष की उम्र में वोट डालने के अधिकार की मांग उठाई थी। उसके संघर्ष के कारण ही आज नौजवान 18 वर्ष की उम्र में वोट डालने का अधिकार प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि नौजवान सभा भ्रष्टाचार, मंहगाई तथा रोजगार प्राप्त करने के लिए निरन्तर संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि इस समय नौजवानों में भारी नाराजगी है और हमें इस गुस्से को सकारात्मक संघर्ष में बदलना है। उन्होंने नौजवानों को बताया कि भारत ही नहीं वरन् दुनिया भर के नौजवान आज संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश के नौजवान भी इन संघर्षों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए भाकपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य अरविन्द राज स्वरूप ने कहा कि नौजवानों को भगत सिंह के सपने साकार करने हैं और देश में समाजवाद स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त करना है। पूंजीवादी शोषण से मुक्ति ही नौजवानों की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मजबूत नौजवान सभा समाज में आमूल-चूल परिवर्तन का वाहक बनेगी।
प्रथम दिन के प्रतिनिधि सत्र में संयोजक नीरज यादव ने राजनीतिक एवं सांगठनिक रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में 5 अगस्त 2010 से सांगठनिक कार्यों की चर्चा करते हुए कहा गया है कि अगस्त 2010 में गठित संयोजन समिति के निर्णयों के अनुसार 23 सितम्बर 2010 को कानपुर में कन्वेंशन किया गया तथा राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रदेश से प्रतिनिधियों को भेजा गया। विभिन्न जिलों में बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, पब्लिक स्कूल, विद्यालयों तथा विश्विद्यालयों में बढ़ी फीसों के विरूद्ध धरने-प्रदर्शन किये गये। 12-13 अगस्त 2011 को लखनऊ में सम्पन्न स्टूडेन्ट्स फेडरेशन के प्लेटिनम जुबली समारोह में विभिन्न जिलों के नौजवानों ने इंतेजाम करने में भरपूर सहयोग किया। 28 सितम्बर 2011 को लखनऊ विधान सभा/झूले लाल पार्क में 500 नौजवानों-छात्रों ने जुलूस निकाल कर एक दिवसीय धरना दिया। तमाम जिलों में सदस्यता अभियान चलाया गया जिनमें से 16 जिलों में सम्मेलन सम्पन्न हो चुके हैं। बाकी जिलों में सम्मेलन करवाने का प्रयास जारी है। रिपोर्ट में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं की भी विशद चर्चा की गयी।
सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न जिलों से आये 26 प्रतिनिधियों ने संयोजक की रिपोर्ट पर बहस में भागीदारी की तथा रिपोर्ट को सर्वसम्मति से स्वीकार किया। रिपोर्ट अंगीकृत करते हुए सम्मेलन ने सदस्यता को 15 हजार से बढ़ाकर एक लाख करने, राज्य केन्द्र को संसाधनों से लैस करने, संगठन चलाने के लिए कोष एकत्रित करने तथा बैंक खाता खोलने का संकल्प किया गया।
इस सत्र में नौजवानों को सम्बोधित करते हुए नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम ने नौजवानों को अनगिनत समस्याओं का उल्लेख करते हुए प्रदेश के नौजवानों का आह्वान किया कि वे पूरे प्रदेश में संगठित होकर देश की नियति को बदलें। आल इंडिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन की राज्य संयोजिका कु. निधि चौहान ने भी प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया।
अपने सारगर्भित उद्बोधन में मेरठ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. आर.बी.एल. गोस्वामी ने नौजवानों का आह्वान किया कि वे भ्रष्टाचार और पूंजीवादी शोषक व्यवस्था को बदलें। उन्होंने कहा कि वह जामवंत की भूमिका में हनुमान को उनकी ताकत का आभास करवाने के लिए आये हैं। उन्होंने कहा कि आज की भ्रष्ट व्यवस्था में अभी भी साम्यवादी नेताओं के ऊपर एक भी उंगली नहीं उठी है। उन्होंने नौजवानों से कहा कि वह अन्याय और असमानता पैदा करने वाले कारणों के विरूद्ध जमकर संघर्ष करें। डा. गोस्वामी के उद्बोधन को खचाखच भरे सभागार में श्रोताओं ने बड़े मनोयोग से सुना।
सम्मेलन के अंतिम सत्र में 35 सदस्यीय राज्य कौंसिल का सर्वसम्मति से चुनाव किया गया। नई राज्य कौंसिल ने विनय पाठक को अध्यक्ष, जावेद खान सैफ, मुन्नी लाल दिनकर, आफताब हुसैन रिजवी तथा राज करण को उपाध्यक्ष, नीरज यादव को महामंत्री तथा शशि कान्त सिंह एवं डा. रघुनाथ को सहायक मंत्री निर्वाचित किया। दो सहायक मंत्रियों के पदों को रिक्त रखा गया।
भाकपा जिला सचिव जितेन्द्र शर्मा ने अपने भावुक सम्बोधन में प्रतिनिधियों और आगन्तुकों को धन्यवाद देते हुए सम्मेलन करवाने की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर गाजियाबाद भाकपा की ओर से प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने सम्मेलन के सफल आयोजन में सहयोग के लिए पार्टी के साथियों तथा नौजवान सभा के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि नौजवानों पर देश बचाने और भविष्य में अच्छे नेता बनने का भारी दायित्व है।
अध्यक्ष मंडल की ओर से जावेद खान सैफ ने समस्त प्रतिनिधियों और आगन्तुकों के साथ-साथ सम्मेलन में आये प्रतिनिधियों के ठहरने एवं भोजन की अति उत्तम व्यवस्था करने के लिए गाजियाबाद के साथियों, विशेषकर भाकपा के नेतृत्व की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए भरोसा दिलाया कि नौजवान अपने दायित्वों से पीछे नहीं होंगे। नव निर्वाचित अध्यक्ष विनय पाठक ने सबको धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की।
ज्ञातव्य हो कि उत्तर प्रदेश में नौजवान सभा निष्क्रियता की शिकार थी। लखनऊ में 5 अगस्त 2010 को आयोजित भाकपा की यूथ कैडर बैठक में भाकपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पल्लब सेनगुप्ता तथा एआईवाईएफ के तत्कालीन महासचिव के. मुरूगन की उपस्थिति में नौजवान सभा को सक्रिय करने के लिए एक संयोजन समिति गठित की गई थी। यूथ कैडर बैठक के निर्णय के अनुसार तथा एआईवाईएफ के राष्ट्रीय केन्द्र की अपेक्षाओं के अनुरूप संयोजन समिति ने भाकपा की कानपुर जिला कौंसिल के सहयोग से कानपुर में 23 सितम्बर 2010 को एक सफल राज्य स्तरीय यूथ कन्वेंशन आयोजित किया। कन्वेंशन में संयोजन समिति विस्तारित की गयी तथा 28 सितम्बर से 1 अक्टूबर 2010 तक जालंघर में आयोजित एआईवाईएफ के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव हुआ। इस कन्वेंशन के बाद नौजवान सभा ने प्रदेश में पुनः गति पकड़ना शुरू कर दिया। इन्हीं प्रयासों की परिणति गाजियाबाद में नौजवान सभा के राज्य सम्मेलन में हुई।
सम्मेलन में दोनों दिन अखिल भारतीय नौजवान सभा के अध्यक्ष आफताब आलम, महामंत्री पी. सन्दोश, भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश तथा नौजवान सभा के इंचार्ज अरविन्द राज स्वरूप निरन्तर मौजूद रहे।
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