लखनऊ 15 नवम्बर। भारतीय
कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल ने आज प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा उत्तर
प्रदेश को चार भागों में वांटे जाने सम्बंधी प्रस्ताव को अवसरवाद की
पराकाष्ठा बताया है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा है कि बसपा सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है, प्रदेश में कानून-व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है; दलितों, महिलाओं और आम आदमी का उत्पीड़न हो रहा है, किसानों की जमीनें तो हथियाई ही जा रही हैं, खाद-बीज के संकट से किसान बदहाल हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है और शिक्षा महंगी से महंगी बना दी गयी है। इस कारण बसपा सरकार की लोकप्रियता में भारी गिरावट आयी है।
अब आसन्न विधान सभा चुनावों में अपनी अप्रत्याशित हार से भयभीत सरकार आम जनता का ध्यान अपनी असफलताओं से हटाना चाहती है और जनता को क्षेत्रीय आधार पर बांट देना चाहती है। भाकपा अवसरवाद की इस राजनीति की कड़े शब्दों में भर्त्सना करती है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि बसपा सरकार को इस गंभीर विषय पर राजनैतिक दलों से परामर्श करना चाहिये था और वह राज्य विभाजन के सम्बंध में वाकई गंभीर थी, तो आज से साढ़े चार साल पहले उसे यह प्रस्ताव पारित करना चाहिये था, जब वह सत्ता में आयी थी। उन्होंने मांग की कि विधान सभा में राज्य पुनर्गठन आयोग बनाये जाने हेतु प्रस्ताव पास करना चाहिये, विभाजनकारी प्रस्ताव नहीं।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा है कि बसपा सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है, प्रदेश में कानून-व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है; दलितों, महिलाओं और आम आदमी का उत्पीड़न हो रहा है, किसानों की जमीनें तो हथियाई ही जा रही हैं, खाद-बीज के संकट से किसान बदहाल हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है और शिक्षा महंगी से महंगी बना दी गयी है। इस कारण बसपा सरकार की लोकप्रियता में भारी गिरावट आयी है।
अब आसन्न विधान सभा चुनावों में अपनी अप्रत्याशित हार से भयभीत सरकार आम जनता का ध्यान अपनी असफलताओं से हटाना चाहती है और जनता को क्षेत्रीय आधार पर बांट देना चाहती है। भाकपा अवसरवाद की इस राजनीति की कड़े शब्दों में भर्त्सना करती है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि बसपा सरकार को इस गंभीर विषय पर राजनैतिक दलों से परामर्श करना चाहिये था और वह राज्य विभाजन के सम्बंध में वाकई गंभीर थी, तो आज से साढ़े चार साल पहले उसे यह प्रस्ताव पारित करना चाहिये था, जब वह सत्ता में आयी थी। उन्होंने मांग की कि विधान सभा में राज्य पुनर्गठन आयोग बनाये जाने हेतु प्रस्ताव पास करना चाहिये, विभाजनकारी प्रस्ताव नहीं।
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