Saturday, June 18, 2011

हमारा झंडा


शेर है चलते हैं दर्राते हुए

बादलों की तरह मंडलाते हुए

जिन्दगी की रागनी गाते हुए

लाल झंडा है हमारे हाथ में



हां ये सच है भूक से हैरान हैं

पर ये मत समझो कि हम बेजान हैं

इस बुरी हालत में भी तूफान हैं

लाल झंडा है हमारे हाथ में



हम वो हैं जो बेरूखी करते नहीं

हम वो हैं जो मौत से डरते नहीं

हम वो हैं जो मरके भी मरते नहीं

लाल झंडा है हमारे हाथ में



चैन से महलों में हम रहते नहीं

ऐश की गंगा में हम बहते नहीं

भेद दुश्मन से कभी कहते नहीं

लाल झंडा है हमारे हाथ में



जानते है एक लश्कर आएगा

तोप दिखलाकर हमें धमकाएगा

पर ये झंडा यूं ही लहरायेगा

लाल झंडा है हमारे हाथ में



कब भला धमकी से घबराते हैं हम

दिल में जो होता है, कह जाते हैं हम

आसमां हिलता है जब गाते हैं हम

लाल झंडा है हमारे हाथ में



लाख लश्कर आऐं कब हिलते हैं हम

आंधियों में जग की खुलते हैं हम

मौत से हंसकर गले मिलते हैं हम

लाल झंडा है हमारे हाथ में
 
- मजाज

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