लखनऊ ७ अगस्त १३-भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी,लखनऊ के ज़िला मंत्री मो.खालिक के नेत्रित्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज नगर मजिस्ट्रेट श्री सीता राम गुप्त जी से मिला और राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन आई ए एस अधिकारी श्रीमती दुर्गा नागपाल का निलंबन समाप्त करने के सम्बन्ध में उनको सौंपा. नगर मजिस्ट्रेट महोदय द्वारा इसे जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को उचित कार्रवाई हेतु भेजने का आश्वासन दिया गया.
प्रतिनिधिमंडल में मो खालिक के अतिरिक्त का. परमानंद दिवेदी,मो.अकरम,महेंद्र रावत,राजपाल यादव,विजय माथुर, शमशेर बहादुर सिंह आदि सम्मिलित थे
(मो खालिक)
महामहिम राज्यपाल महोदय
उत्तर प्रदेश,लखनऊ
द्वारा
जिलाधिकारी,लखनऊ
विषय-ईमानदार एवं कर्मठ आई ए एस अधिकारी श्रीमती दुर्गाशक्ति नागपाल का अनैतिक एवं अवैध निलंबन निरस्त करने के संबंध में।
आज दिनांक ७-८-२०१३ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला काउन्सिल लखनऊ द्वारा राज्य पार्टी के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम जो उ.प्र. के सभी जिलों में होना है उक्त कड़ी में लखनऊ भा.क.पा. आपको निम्नलिखित ज्ञापन प्रस्तुत करती है.
उ.प्र.सरकार खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने वाली कर्तव्य परायण महिला आई ए एस अधिकारी श्रीमती दुर्गाशक्ति नागपाल (उप जिला अधिकारी,गौतम बुद्ध नगर)का निलंबन करके यह साबित कर दिया है कि,यह सरकार खनन माफियाओं को प्रश्रय दे रही है और कर्मठ एवं ईमानदार अधिकारियों को प्रताड़ित कर उनका मनोबल गिरा रही है. अपने इस अनैतिक कृत पर अफ़सोस जताने के बजाये प्रदेश सरकार एक बड़े झूठ का सहारा ले रही है और निलंबन को मस्जिद और मुस्लिम समाज से जोड़ा जा रहा है;पूरी सरकार एक अधिकारी के खिलाफ अनैतिक युद्ध चला रही है और वोट की राजनीति कर रही है.
यह सरकार नाक नीचे लखनऊ में हो रहे एक ही समुदाय के दंगों को रोकने के लिए तमाम दंगों से प्रभावित लोगों के ऊपर मुकदमा लगा रही है जिसकी जांच होनी चाहिए. पहला पत्थर मारने वाले की खोज करनी चाहिए जिससे दंगाइयों की पोल खुल जायेगी.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सरकार द्वारा निलंबन के इस कदम की निंदा करती है और मांग करती :
१-यह कि कर्मठ और ईमानदार आई ए एस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन तत्काल ख़त्म किया जाए.
२-यह कि समूचे उत्तर-प्रदेश में पर्यावरण को क्षति वाले अवैध खनन को रोका जाए.
३-यह कि खनन माफियाओं के विरिद्ध कड़ी करवाई की जाए और उनसे जुड़े सफ़ेद पोश नेताओं को भी जेल भेजा जाए.
४-यह कि कर्मठ और ईमानदार अधिकारियों का उत्पीडन बंद किया जाए. भ्रष्ट और नाकारा अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए.
५-यह कि निलंबन की कार्यवाही को जायज ठहराने के लिए घटना का साम्प्रदायिक कदापि न किया जाये.
६-यह कि लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न भागों में हो रहे दंगों की जांच कराके दोषियों को कड़ी सजा दी जाए.
आशा ही नहीं पूरा विशवास है कि आप उपयुक्त मांगों पर शीघ्र समुचित कार्यवाही करेंगे.
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