लखनऊ 23 मई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आज इलाहाबाद में करेली क्षेत्र के अंतर्गत गरीबों की झुग्गी-झोपड़ियों में हुए बम विस्फोट की घटना की, जिसमें 4 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है तथा अन्य दर्जनों घायल हैं, को उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बताया है। भाकपा ने पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) के इस बयान पर गहरी आपत्ति प्रकट की है जिसमें उन्होंने इलाहाबाद में आये दिन बम विस्फोट की बात कही है और बिना गम्भीर जांच किये ही इसे कबाड़ में हुई बम विस्फोट की घटना बताया है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक संगीन घटनायें प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनी हुई हैं। आज की इलाहाबाद की यह घटना दिल दहलाने वाली है जिसकी गम्भीरता से जांच होनी चाहिए और इस पर सतही बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। यदि यह घटना किसी पॉश इलाके में होती तो शायद सरकार इसे आतंकवादी घटना बताकर रूदन कर रही होती, लेकिन चूंकि यह घटना गरीबों की आबादी में घटी है और मरने वाले तथा घायल गरीब लोग हैं, इसलिए इसे एक सामान्य घटना बताकर टरकाया जा रहा है। भाकपा इस पर कड़ी आपत्ति प्रकट करती है।
भाकपा राज्य सचिव मंडल ने राज्य सरकार से मांग की है कि मृतकों के परिवारों को पांच लाख का मुआवजा दिया जाये, घायलों के समूचे इलाज की व्यवस्था राज्य सरकार करे और घटना के बारे में आपत्तिजनक बयान देने वाली पुलिस महानिरीक्षक के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही साथ सरकार यह भी स्पष्ट करे कि यदि इलाहाबाद में ऐसी घटनायें आम बात हैं तो सरकार ने उन्हें रोकने के लिए क्या कदम उठाये हैं।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक संगीन घटनायें प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनी हुई हैं। आज की इलाहाबाद की यह घटना दिल दहलाने वाली है जिसकी गम्भीरता से जांच होनी चाहिए और इस पर सतही बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। यदि यह घटना किसी पॉश इलाके में होती तो शायद सरकार इसे आतंकवादी घटना बताकर रूदन कर रही होती, लेकिन चूंकि यह घटना गरीबों की आबादी में घटी है और मरने वाले तथा घायल गरीब लोग हैं, इसलिए इसे एक सामान्य घटना बताकर टरकाया जा रहा है। भाकपा इस पर कड़ी आपत्ति प्रकट करती है।
भाकपा राज्य सचिव मंडल ने राज्य सरकार से मांग की है कि मृतकों के परिवारों को पांच लाख का मुआवजा दिया जाये, घायलों के समूचे इलाज की व्यवस्था राज्य सरकार करे और घटना के बारे में आपत्तिजनक बयान देने वाली पुलिस महानिरीक्षक के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही साथ सरकार यह भी स्पष्ट करे कि यदि इलाहाबाद में ऐसी घटनायें आम बात हैं तो सरकार ने उन्हें रोकने के लिए क्या कदम उठाये हैं।
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