Saturday, May 31, 2014
महिलाओं केसाथ दुराचार की मुख्यमंत्री नैतिक जिम्मेदारी कबूल करें - भाकपा
लखनऊ- ३१ मई २०१४. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने कहाकि बदायूं जनपद में दो किशोरियों की दुराचार के बाद की गई हत्या की बारदातें विचलित करने वाली हैं. आज ही जनपद आजमगढ़ में किशोरी के साथ हुई सामूहिक दुराचार की घटना के प्रकाश में आने से यह स्पष्ट होगया हैकि प्रदेश में सरकार नाम की कोई हस्ती है ही नहीं. अराजकता और अत्याचार का नंगा नाच जारी है. यह अब बेहद असहनीय होगया है. भाकपा महिलाओं की आबरू और उनकी जानमाल की रक्षा के लिये जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक संघर्ष चलाएगी और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक पीड़ित महिलाओं को न्याय नहीं मिल जाता और वह निर्भयता से सडकों पर निकल सकें ऐसा वातावरण नहीं बन जाता.
यहाँ संपन्न पार्टी के राज्य सचिव मंडल की बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने कहाकि पिछले लगभग एक माह में प्रदेश में महिलाओं के साथ दुराचार की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है. अभी कुछ ही दिन पहले बागपत जिले के छपरौली में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ, मुजफ्फर नगर के ककरौली में भी नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ, गाज़ियाबाद के मोदी नगर में किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ तथा बिजनौर के धामपुर में भी दुराचार की घटनायें प्रकाश में आयी हैं. इटावा से जहाँ दुराचार और इसके बाद पीडिता के परिजनों के साथ मारपीट की घटनायें सामने आयी हैं वहीं सीतापुर में तो महिला के साथ कार में दुराचार के बाद उसे बाहर फैंक दिया गया. ऊपर से एक आई जी बचकाना बयान देरहे हैं कि उत्तर प्रदेश में दुराचार की बारदातें आबादी की तुलना में कम हैं.
भाकपा की दृढ़ राय है कि इन घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री को स्वयं स्वीकार करनी चाहिये और पीड़ितों को न्याय दिलाने तथा सभी दोषियों को दण्डित किये जाने हेतु शीघ्र ठोस कदम उठाये जाने चाहिये.
भाकपा राज्य सचिव मंडल ने पार्टी की बदायूं एवं आजमगढ़ जिला कमेटियों को पहले ही निर्देश देदिया हैकि वह घटना स्थल पहुँच कर पीड़ितों का दुःख बांटें और छान- बीन कर कल सुबह तक रिपोर्ट राज्य केंद्र को भेजें. कल यहाँ राज्य केंद्र पर होने वाली भाकपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में इस सम्वेदनशील मुद्दे पर अगली कार्यवाही पर निर्णय लिया जायेगा.
राज्य सचिव मंडल ने प्रदेश में होरही अभूतपूर्व बिजली कटौती का भी नोटिस लिया और सरकार से मांग की कि वह समस्या का सार्थक समाधान खोजे, बहानेबाजी से कोई लाभ होने वाला नहीं.
डॉ.गिरीश.
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