Wednesday, May 14, 2014

बंगाल के चुनावों में धांधली और हिंसा के विरुध्द भाकपा का प्रदर्शन.

लखनऊ- १४, मई. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं वामपंथी दलों ने पश्चिम बंगाल में आखिरी चरण के मतदान के दौरान तृणमूल कांग्रेस समर्थकों द्वारा बड़े पैमाने पर की गई हिंसा, धांधली और अराजकता के विरुध्द वामपंथी दलों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आज समूचे उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया. वामदलों ने इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरुध्द कड़ी कार्यवाही की मांग की तथा गडबडी वाले लगभग १००० बूथों पर पुनर्मतदान कराये जाने की मांग की. यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने बताया कि यद्यपि आज प्रदेश भर में अवकाश था और सरकारी कार्यालय बंद थे, फिर भी प्रदेश में अधिकतर जिलों में भाकपा कार्यकर्ता सडकों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किये. निर्वाचन आयोग को सम्बोधित ज्ञापन जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपे गये. राजधानी लखनऊ में भाकपा एवं माकपा के कार्यकर्ताओं ने विधान भवन के सामने प्रदर्शन किया और इन घटनाओं के लिये जिम्मेदार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी का पुतला फूंका. प्रदर्शन का नेत्रत्व भाकपा के जिला सचिव मोहम्मद खालिक एवं माकपा के जिला सचिव छोटे लाल ने किया. बाद में मोहम्मद खालिक के नेत्रत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने सिटी मजिस्ट्रेट हरिप्रसाद शाही के कार्यालय में पहुंच कर निर्वाचन आयोग को संबोधित ज्ञापन प्राप्य कराया. इसी तरह के विरोध प्रदर्शन भाकपा की मथुरा, हाथरस, आगरा, मैनपुरी, अलीगढ़, गाज़ियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, जे. पी. नगर, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, कानपुर, फतेहपुर, जालौन, झाँसी, बाँदा, इलाहाबाद, फैजाबाद, सुल्तानपुर, बलरामपुर, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, मऊ, आजमगढ़, बस्ती, जौनपुर, प्रतापगढ़, राबर्ट्सगंज एवं चंदौली जिला कमेटियों ने भी आयोजित किये. भाकपा राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने अपने बयान में कहा कि आशा की जाती है कि निर्वाचन आयोग मामले को गंभीरता से लेगा और लोकतंत्र के हित में उन बूथों पर दोबारा मतदान के आदेश तत्काल देगा जहाँ हिंसा और हथियारों के बल पर लोगों को मतदान से रोका गया है और फर्जी मतदान किया गया है. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा प्रायोजित हिंसा और धांधली की घटनाओं के मामलों में कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिये. डॉ. गिरीश

No comments: