अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (यूनेस्को), पेरिस
अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच दिवस की 50वीं वर्षगाँठ - 27 मार्च, 2012 - पर जॉन मायकोविच अभिनेता व निर्देशक सयुंक्त राज्य अमरीका का सन्देश
“अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (आई टी आई) ने मुझसे यूनेस्को में अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच की 50वीं वर्षगाँठ पर बधाई सन्देश देने का आग्रह किया है, मेरे लिए ये बड़े सम्मान का विषय है। मैं साथी रंगकर्मियों, सहकर्मियों और कामरेड्स के समक्ष अपनी बात संक्षिप्त में कहूँगा।
आपका का काम मौलिक, अकाट्य व विचलित करने वाला हो। संवेदनशील, गहन, विचारशील और विशिष्ट हो। वो हमें इस प्रश्न पर विचार करने के लिए प्रेरित करे कि मनुष्य होने का तात्पर्य क्या है, और यह विचार निष्कपट हो, स्पष्ट हो, सच्चाई, संवेदना व गरिमा से परिपूर्ण हो। आप तंगहाली, सेंसरशिप, ग़रीबी और अंधेरों को पराजित करें - जो आप में बहुत से लोग निश्चित रूप से करना चाहेंगे। आप प्रतिभा संपन्न व दृढ़ निश्चयी हों और हमें अपनी पूरी जटिलताओं के साथ धड़कते मानव हृदय के बारे बताएं - आपमें वो विनम्रता और उत्सुकता हो जो इस पथ को आपके जीवन का उद्देश्य बनाये। और आप में जो कुछ भी सबसे अच्छा है - क्योंकि वह केवल आप ही का सबसे अच्छा पक्ष होगा - और केवल तब बिरले और सूक्ष्मतम क्षणों में - आपको उस मूलभूत प्रश्न को चिन्हित करनें में सफल करे, “हम कैसा जीवन जियें / हमारा जीवन कैसा हो?” आपकी यात्रा सफल हो!”
- जॉन मायकोविच
हिंदी अनुवाद: अखिलेश दीक्षित
अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच दिवस की 50वीं वर्षगाँठ - 27 मार्च, 2012 - पर जॉन मायकोविच अभिनेता व निर्देशक सयुंक्त राज्य अमरीका का सन्देश
“अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (आई टी आई) ने मुझसे यूनेस्को में अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच की 50वीं वर्षगाँठ पर बधाई सन्देश देने का आग्रह किया है, मेरे लिए ये बड़े सम्मान का विषय है। मैं साथी रंगकर्मियों, सहकर्मियों और कामरेड्स के समक्ष अपनी बात संक्षिप्त में कहूँगा।
आपका का काम मौलिक, अकाट्य व विचलित करने वाला हो। संवेदनशील, गहन, विचारशील और विशिष्ट हो। वो हमें इस प्रश्न पर विचार करने के लिए प्रेरित करे कि मनुष्य होने का तात्पर्य क्या है, और यह विचार निष्कपट हो, स्पष्ट हो, सच्चाई, संवेदना व गरिमा से परिपूर्ण हो। आप तंगहाली, सेंसरशिप, ग़रीबी और अंधेरों को पराजित करें - जो आप में बहुत से लोग निश्चित रूप से करना चाहेंगे। आप प्रतिभा संपन्न व दृढ़ निश्चयी हों और हमें अपनी पूरी जटिलताओं के साथ धड़कते मानव हृदय के बारे बताएं - आपमें वो विनम्रता और उत्सुकता हो जो इस पथ को आपके जीवन का उद्देश्य बनाये। और आप में जो कुछ भी सबसे अच्छा है - क्योंकि वह केवल आप ही का सबसे अच्छा पक्ष होगा - और केवल तब बिरले और सूक्ष्मतम क्षणों में - आपको उस मूलभूत प्रश्न को चिन्हित करनें में सफल करे, “हम कैसा जीवन जियें / हमारा जीवन कैसा हो?” आपकी यात्रा सफल हो!”
- जॉन मायकोविच
हिंदी अनुवाद: अखिलेश दीक्षित
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