लखनऊ 11 जनवरी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मा.), आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक तथा रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के राज्य के पदाधिकारियों की एक बैठक आज यहाँ सम्पन्न हुयी।
बैठक में वामदलों के केन्द्रीय नेतृत्व के आह्वान पर राज्य में महंगाई विरोधी आन्दोलन चलाने की रणनीति पर विचार किया गया। निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश में यह आन्दोलन केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों की महंगाई बढाने वाली नीतियों के विरोध में चलाया जायेगा।
बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार वाम दल 15 जनवरी से लेकर 30 जनवरी के मध्य जिलों-जिलों में सभायें, नुक्कड़ सभायें, साईकिल मार्च अथवा पदयात्राएं करके जनता के बीच जायेंगे तथा 31 जनवरी को जिला केन्द्रों अथवा तहसील केन्द्रों पर व्यापक धरने-प्रदर्शन आयोजित करेंगे।
आन्दोलन के अंतर्गत पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि पर रोक लगाने, सरकारी स्तर पर कीमतों के निर्धारण की व्यवस्था फिर से लागू करने, पेट्रोल डीजल आदि पर राज्य सरकार द्वारा लगाये गये करों में कमी कर उन्हें अन्य राज्यों के स्तर पर लाने, जनता को सेवाएं और सब्सिडी देने के काम को आधार कार्ड से न जोड़ा जोड़ने, जरूरी वस्तुओं जमाखोरी और सट्टेबाजी पर रोक लगाने तथा जमाखोरी विरोधी अभियान चलवाने, बुनियादी सेवाओं का निजीकरण न किये जाने तथा जो प्राइवेट कम्पनियां सार्वजनिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुये बुनियादी सेवायें दे रही हैं उनका ऑडिट कराये जाने, सार्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली को फिर से लागू कराने, महंगाई को नीचे लाने को दिल्ली की तरह उत्तर प्रदेश में भी बिजली की दरें घटाए जाने, बिजली कम्पनियों का ऑडिट कराये जाने, बिजली का निजीकरण रोके जाने, लाइन हानियाँ एवं बिजली चोरी रोके जाने, सभी स्तरों पर सभी प्रकार की शिक्षण संस्थाओं में लिए जा रहे भारी शिक्षण शुल्कों में प्रभावी कटौती किये जाने, दवाओं की कीमतें घटाए जाने तथा अस्पतालों में मरीजों की लूट रोके जाने आदि मुद्दे उठाये जायेंगे।
बैठक में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश, सहसचिव अरविन्द राज स्वरूप, माकपा के सचिव एस. पी. कश्यप एवं दीनानाथ यादव, फॉरवर्ड ब्लॉक के राज्य महासचिव शिव नारायण सिंह चोहान तथा आरएसपी के सचिव संतोष गुप्ता ने भाग लिया।
कार्यालय सचिव
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