Thursday, November 21, 2013

गन्ना मूल्य बढाने और चीनी मिलें चलवाने को भाकपा ने आवाज उठाई.

लखनऊ- २१ नवम्बर २०१३ –भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य मंत्रि परिषद् की बैठक आज राज्य सचिव डॉ.गिरीश की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में राज्य सरकार द्वारा गन्ना मूल्य पिछले वर्ष के बराबर ही घोषित किये जाने के फैसले को पूरी तरह से किसान विरोधी और मिल मालिकों के हित में बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में आलोचना की गई. पार्टी ने गन्ने का न्यूनतम खरीद मूल्य ३५०.०० रु. किये जाने की मांग की है. यहाँ जारी एक प्रेस बयान में राज्य सचिव डॉ.गिरीश ने कहाकि राज्य सरकार ने भी स्वीकार किया है कि पिछले वर्ष की तुलना में गन्ने की लागत में रु.२३ प्रति कुंतल की डॉ से वृध्दि हुई है, जबकि वास्तव में इससे अधिक ही लागत मूल्य बड़ा है. अतएव कोई भी मूल्य रु ३५०.०० से कम निर्धारित करना किसान हितो पर कुठारापात है. सच तो यह है यह फैसला चीनी मिल मालिकों को लाभ पहुँचाने वाला है. उन्हें अन्य रियायतें भी दे दी गईं हैं. फिर भी निजी मिलें चलाने में आना कानी की जा रही है और राज्य सरकार उनसे विनती कर रही है. इतना ही नहीं अभी तक पिछले सीजन का २३०० करोड़ रु. किसानों का मिलों पर बकाया है. किसान आन्दोलन कर रहे हैं मगर सरकार का ढुलमुल रवैय्या मिल मालिकों के हौसले बड़ा रहा है. भाकपा राज्य सचिव मंडल ने अपनी पार्टी की जिला इकाइयों का आह्वान किया है कि वे किसान हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करें. भाकपा ने राज्य सरकार से भी मांग की कि निजी मिल मालिक यदि हठ धर्मिता नहीं छोड़ते तो जनहित में चीनी मिलों का अधिग्रहण कर लिया जाये. डॉ.गिरीश, राज्य सचिव.

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