लखनऊ 21 अक्टूबर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कार्यालय से जारी एक बयान में पार्टी के राज्य सह सचिव अरविन्द राज स्वरूप ने बताया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने देशव्यापी आह्वान पर आज उत्तर प्रदेश में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने व्यापक रूप से सत्याग्रह किया और गिरफ्तारियां दीं। इस अवसर पर पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को बधाई दी है। ज्ञातव्य हो कि पार्टी द्वारा 3 से 5 अक्टूबर को देशव्यापी अभियान चलाया था परन्तु उत्तर प्रदेश को 21 अक्टूबर को यह कार्यक्रम करना था। पार्टी द्वारा 10 मांगें सरकार के समक्ष रखी गई हैं जिनमें सार्वजनिक खाद्य सुरक्षा, कीमतों पर रोक, रोजगार सृजन आदि प्रमुख हैं। इन मांगों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में सद्भाव, विकास और कानून के राज को कायम रखने की मांगें जोड़ी गई हैं।
समाचार लिखे जाने तक लगभग 40 जिलों से सूचना प्राप्त हो चुकी है। जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और छोड़ दिया गया। अपुष्ट समाचारों के अनुसार जौनपुर में 200 लोग पुलिस लाईन्स में है, उसी तरह कानपुर देहात में भी 35 लोग और मैनपुरी में 125 कार्यकर्ता पुलिस कस्टडी में हैं। पूरे प्रदेश में लगभग 15000 लोगों ने सत्याग्रह और गिरफ्तारी आन्दोलनों में हिस्सेदारी की है।
सत्याग्रह में भागीदार लोग 10 सूत्रीय मांग पत्र को स्वीकार किये जाने की मांग कर रहे थे। अलग-अलग जिलों में पार्टी के राज्य मंत्रिपरिषद, कार्यकारिणी और राज्य कौंसिल सदस्यों एवं पार्टी के जिला मंत्री के नेतृत्व में गिरफ्तारियां दी गयीं। राज्य की राजधानी लखनऊ में सत्याग्रह का नेतृत्व राज्य मंत्रिपरिषद की सदस्या आशा मिश्रा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुरेन्द्र राम एवं जिला सचिव मो. खालिक ने किया। मऊ में पार्टी सह सचिव एवं पूर्व विधायक इम्तियाज अहमद के नेतृत्व में गिरफ्तारी हुई। केन्द्रीय सचिव मंडल के सदस्य अतुल कुमार अंजान भी उपस्थित रहे। 10 सूत्रीय मांगपत्र में महंगाई पर रोक लगाने, बढ़ी कीमतों को वापस लेने, 2 रूपये प्रतिकिलो की दर से 35 किलो खाद्यान्न मुहैया कराकर सबको खाद्य सुरक्षा की गारंटी करना, बलपूर्वक भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाना, वास्तविक लैंगिक समानता के कदम उठाना, महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों पर रोक लगाना, सभी ग्रामीण और शहरी वृद्धों, विधवाओं एवं विकलांगों को पेंशन देना, रोजगार सृजन विकास पर ध्यान देकर देश भर में बेरोजगारी कम करना और नये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना शामिल है। उत्तर प्रदेश में सम्बन्धित मांगों में समाज में सद्भाव स्थापित करने, कानून व्यवस्था ठीक करने, महिलाओं एवं बालिकाओं के साथ दुराचार रोकने, साम्प्रदायिक ताकतों पर कारगर रोक लगाने और प्रदेश में हुए साम्प्रदायिक दंगों की उच्च स्तरीय जांच कराने, सच्चर समिति की सिफारिशें लागू करने तथा आतंकवाद के नाम पर निर्दोषों का उत्पीड़न बन्द करने, दलितों एवं आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार बन्द करने, खेत मजदूरों और किसानों को 3000/- प्रतिमाह पेंशन देने, प्रदेश मे श्रम कानूनों का पालन करवाने, ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने तथा बंद मिलों को चलाने एवं नये रोजगार सृजित कराने आदि मांगें शामिल की गई हैं।
पूरे प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भारी उत्साह के साथ सत्याग्रह और गिरफ्तारियों में झंडे, बैनरों के साथ भागीदारी की है। सम्पन्न सभाओं में नेताओं ने पार्टी की राजनीति और मांगों के इर्द-गिर्द भाषण दिये और संकल्प लिया कि जनोन्मुखी विकास के मॉडल की आर्थिक-सामाजिक नीतियों के आधार पर राजनैतिक विकल्प का अभियान चलाया जायेगा। पार्टी नेताओं ने कहा है कि इस अभियान को आगामी लोक सभा चुनाव तक ले जाया जायेगा।
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