लखनऊ-27 जून-मुद्दाविहीन,जाति-पांति और सांप्रदायिकता
पर आधारित राजनीति के दुर्ग को तोड़ कर मुद्दों तथा कार्यक्रमों पर आधारित
राजनीति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से वामपंथी दल 1 जुलाई को दिल्ली के
मावलंकर हाल में एक संयुक्त 'कन्वेंशन' आयोजित करने जा रहे हैं। कन्वेंशन
को वामदलों के शीर्षस्थ नेता संबोधित करेंगे।
उपर्युक्त जानकारी देते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय
कार्यकारिणी के सदस्य एवं राज्य सचिव डॉ.गिरीश ने बताया कि कन्वेंशन में
वामदल एक 'जन कार्यक्रम'पेश करेंगे.यह कार्यक्रम आर्थिक नव उदारवाद की उन
नीतियों का विकल्प होगा जिनके चलते विकासदर घट कर 5 के अंक के नीचे पहुंच
गई है,डालर के मुकाबले रुपया 60 के ऊपर पहुंच चुका है,रोजगारों में भारी
कटौती हुई है,महंगाई ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं,गरीबी और अमीरी के बीच
खाई लगातार चौड़ी होरही है और भ्रष्टाचार सारी सीमायें लांघ चुका ह। .जनता
के हित में बने इस कार्यक्रम को लेकर आन्दोलन खड़े किये जायेंगे और आंदोलनों
में अधिक से अधिक जनवादी शक्तियों को भागीदार बनाने का प्रयास किया
जायेगा।
डॉ.गिरीश ने कहा कि लोकसभा चुनाव ज्यों-ज्यों निकट आ रहे हैं पूंजीवादी
दलों में नये-नये मोर्चे खड़े करने की आतुरता दिखाई दे रही है। पर पूर्व में
ऐसे सभी मोर्चे इसलिए विफल होगये क्योंकि वे नीतियों तथा कार्यक्रमों पर
आधारित न होकर कांग्रेस और भाजपा के विरोध के नाम पर बने थे। भाकपा और
वामदल ऐसे किसी नीति विहीन जमाबड़े के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि
भाकपा वामपंथी लोकतान्त्रिक विकल्प बनाना चाहती है और उसकी स्पष्ट राय है
कि यह विकल्प जनमुद्दों पर छोटे-बड़े तमाम संघर्षों के आधार पर ही विकसित
होगा.'दिल्ली कन्वेंशन'इस दिशा में एक ठोस पहलकदमी साबित होगा।
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