Tuesday, June 4, 2013

महिला हिंसा, उत्पीड़न,बलात्कार एवं ह्त्या की घटनाओं के विरुद्ध महिला फेडरेशन ने की आवाज़ बुलंद

महिला हिंसा, उत्पीड़न,बलात्कार एवं ह्त्या की घटनाओं के विरुद्ध विशाल धरना व प्रदर्शन


 

यह हैं कु.आन्या (अंशु )सुपुत्री श्री प्रांशु मिश्रा। आन्या अभी चार वर्ष पूर्ण कर पांचवें वर्ष में चल रही हैं और 'ला मार्टीनियर कालेज' की 'प्रीपेटरी' कक्षा की छात्रा हैं। आन्या के दादाजी कामरेड अशोक मिश्रा जी  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में राष्ट्रीय -स्तर के जाने-माने वरिष्ठ नेता हैं और उत्तर प्रदेश भाकपा के राज्य सचिव भी रह चुके हैं। आन्या की दादी जी   कामरेड आशा मिश्रा जी भी पार्टी की राष्ट्रीय -स्तर की नेत्री हैं जो 'महिला फेडरेशन', उत्तर प्रदेश की महासचिव भी हैं। 

 'आन्या'धरने  को संबोधित करते हुये एक क्रांतिकारी गीत का पाठ कर रही हैं। कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं : 

"कौन गिराए बम बच्चों पर  ?
कौन उजाड़े     उनके     घर   ?  
चलो पकड़ कर    लाएँ  उनको। 
मुर्गा अभी हम बनाएँ  उनको। । " 

 
अमर उजाला,लखनऊ सिटी परिशिष्ठ-5 जून 2013



आज 4 जून2013 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में भयावह रूप से बढ़ रही महिला हिंसा,उत्पीड़न, बलात्कार एवं ह्त्या की घटनाओं को रोकने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा अब तक कोइ कारगर कदम न उठाये जाने से आक्रोशित भारतीय महिला फेडरेशन की सैंकड़ों महिलाओं ने आज विधानसभा के सामने धरना व प्रदर्शन करके यौनिक अपराधों के मामले में तत्काल प्रभावी कदम उठाये जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित 6 सूत्रीय ज्ञापन प्रेषित किया.
      प्रदर्शनकारी महिलाओं को संबोधित करते हुए फेडरेशन की महासचिव आशा मिश्रा ने कहा कि,दिल्ली की घटना के बाद पूरे देश व लखनऊ की सड़कों पर उमड़े जन आक्रोश व तमाम जन  आन्दोलनों के बाद भी उनकी मांगों पर सरकार ने अब तक कोइ कदम नहीं उठाये.
      उन्होंने शीघ्र प्रदेश के हर जिले में फास्ट ट्रेक कोर्ट गठित किये जाने तथा यौनिक अपराधों के मामलों की दिन प्रतिदिन सुनवाई कराकर पीडिता को शीघ्र न्याय दिलाये जाने की मांग की.
      जिला अध्यक्ष कान्ति मिश्रा ने पुलिस रिफोर्म बिल लागू करने,थाने  स्तर पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही करने तथा थानों का कोइ त्वरित सहायता नंबर जारी करने की मांग की. जिला सचिव बबिता सिंह ने हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सरकार द्वारा कानूनी मदद एवं बेसहारा महिलाओं के लिए पुनर्वास की व्यवस्था किये जाने की मांग उठाई.
      नव जाग्रति की सिस्टर प्रफुल्ला व संगीता शर्मा ने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 का प्रभावी क्रियान्वन किये जाने की मांग की. पी.यू.सी.एल. की वंदना मिश्र ने कहा कि शासन प्रशासन की संवेदनहीनता,पुलिस व थानों की लचर कार्यवाही तथा दुरूह व् जटिल न्यायिक प्रक्रिया के चलते महिलाओं को न्याय नहीं मिल पाता.
      प्रदर्शनकारी महिलाओं को प्रमिला बाजपेयी,शमीम बानों,ईजोंस,सुधा सिन्हा,सुनीता घोष,आशा चार्ल्स,चंद्रकला जोशी,गिरिजा त्रिपाठी,लाड़ली जायसवाल,विजय लक्ष्मी,अंशु,जेवियर,कमला यादव,शन्नो मिश्र व् अल्पना बाजपेयी आदि ने भी सम्भोधित किया

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