Tuesday, February 19, 2013

भावी लोक सभा चुनाव में वोट साधने का टोटका मात्र है उत्तर प्रदेश सरकार का दूसरा आम बजट - भाकपा

लखनऊ 19 फरवरी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने कहा कि आज विधान सभा में प्रस्तुत उत्तर प्रदेश सरकार का दूसरा आम बजट बजट कम चुनावी भाषण ज्यादा नजर आता है। इसमें न कोई नयापन है न किसी महत्वपूर्ण नयी योजना की घोषणा। यद्यपि बजट में समाज के विभिन्न तबकों के लिए कुछ न कुछ धन का आबंटन किया गया है लेकिन सारा बजट सामाजिक समीकरणों और अंततः वोट साधता नजर आता है। प्रदेश के विकास और रोजगार सृजन का कोई ब्लूप्रिंट इस बजट से नहीं उभरता है।
अल्पसंख्यकों, दलितों, कमजोरों, महिलाओं की मूल जरूरतें - शिक्षा व रोजगार आदि हैं। कब्रिस्तान, लैपटाप अथवा बेरोजगारी भत्ता नहीं। इसी तरह प्रदेश को सर्वाधिक जरूरत बिजली के बड़े पैमाने पर निर्माण की है लेकिन इसके लिए बजट में कोई आबंटन नहीं। केवल गाँव-मजरों को कनेक्शन देने की बात कही गयी है। पहले से ही भारी विद्युत संकट झेल रहे प्रदेश के लिए ये घोषणाएं बेकार हैं। आखिर जब बिजली बनेगी ही नहीं तो उसकी सप्लाई कहाँ से होगी।
बुन्देलखण्ड के विकास के लिए 109 करोड़ और पूर्वांचल के 27 जिलों के लिए 100 करोड़ का आबंटन ऊंट के मुंह में जीरा है। 24 हजार करोड़ रूपये का राजकोषीय घाटा महंगाई बड़ाने का काम करेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के किसी उद्योग को खोलने की घोषणा इसमें नहीं है।
डॉ. गिरीश ने कहा कि विपक्षी दलों की इस आशंका में दम है कि जब पिछले बजट की धनराशि का बड़ा भाग उपयोग में नहीं लाया जा सका तो भविष्य में इसके इस्तेमाल की क्या गारंटी है? घोषणाओं और योजनाओं को लागू करने की इच्छा शक्ति का इस बजट में बेहद अभाव है।

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