Sunday, January 1, 2012

भाकपा, उत्तर प्रदेश का 21वाँ राज्य सम्मेलन सम्पन्न

उत्तर प्रदेश में संवेदनशील, संघर्षशील और सशक्त वामपंथी विकल्प के निर्माण का संकल्प
अलीगढ़ 18 दिसम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश का तीन दिवसीय 21वाँ राज्य सम्मेलन यहां आज संवेदनशील, संघर्षशील और सशक्त वामपंथी विकल्प के निर्माण तथा मजदूरों, किसानों, महिलाओं, नौजवानों तथा छात्रों के मुद्दों पर लगातार संघर्ष के संकल्प के साथ सम्पन्न हो गया। सम्मेलन राजनीतिक रणनीति के लिहाज से बेहद सफल रहा। भाकपा की अलीगढ़ जिला कौंसिल ने सम्मेलन के कई दिन पूर्व से पूरे शहर को पार्टी के झण्डों, झंडियों, स्वागत द्वारों, सम्मेलन के पोस्टरों तथा वाल-राईटिंग द्वारा अलीगढ़ शहर से 12 कि.मी. तक के क्षेत्र को लाल कर दिया था। सम्मेलन के आयोजन में वरिष्ठ कवि नीरज जैसे तमाम साहित्यकारों, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अध्यापकों, कलाकारों, वरिष्ठ वकीलों, सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों से लेकर रिक्शा चालकों तक की सहभागिता से सम्मेलन के तेवरों का अंदाज लगाया जा सकता है।
16 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे ऐतिहासिक मालवीय पुस्तकालय के प्रांगण से एक रंगारंग आकर्षक जुलूस निकाला गया जो जी.टी. रोड, बस अड्डा, पड़ाव दुबे, रामघाट रोड़, गांधी आई हास्पिटल, लक्ष्मी बाई मार्ग, मैरिस रोड़ होते हुए हबीब गार्डन पहुंच कर विशाल जन सभा में परिवर्तित हो गया। जुलूस में सैकड़ों प्रदर्शनकारी राज्य सम्मेलन के बैनर तथा पट्टिकाएं लेकर चल रहे थे और गगनभेदी नारे लगा रहे थे। जिन नारों ने जनता और मीडिया का ध्यान सबसे अधिक आकर्षित किया वे थे - ”भ्रष्टाचार मिटाना है तो वामपंथ को लाना होगा“ तथा ”महंगाई से निजात पानी है तो वामपंथ को लाना होगा“। भयंकर शीतलहरी तथा कोहरे के कारण जुलूस के लिए आने वाले तमाम जत्थे विलम्ब से पहुंच सकने के कारण जन सभा में आकर सीधे शामिल हुए।
जनसभा की अध्यक्षता भाकपा के जिला सचिव प्रो. मदीउर्रहमान सुहेव शेरवानी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आर. के. जैन, वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता लोकपाल सिंह, खेत मजदूर यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेन्द्र राम तथा महिला फेडरेशन की प्रांतीय महासचिव आशा मिश्रा के अध्यक्षमंडल ने की। जनसभा की शुरूआत में अलीगढ़ इप्टा के साथियों ने क्रान्तिकारी गीत प्रस्तुत किये। कोहरे के कारण विलम्ब से चल रही ट्रेनों के कारण प्रदेश के कोने-कोने से आने वाले अधिकांश प्रतिनिधि जुलूस और जनसभा में शामिल नहीं हो सके।
जनसभा को सम्बोधित करते हुए वामपंथी राजनीति के पुरोधा तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव ए. बी. बर्धन ने कोहरा और भयंकर सर्दी के बावजूद तमाम अव्यवस्थाओं को पार करते हुए रैली एवं जनसभा में भारी संख्या में आये लोगों का अभिनन्दन करते हुए जनमानस से दुनियां के चारों तरफ नजर दौड़ाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में पूंजीवाद अपने स्वयं के अंतर्विरोधों के कारण संकट के दौर से गुजर रहा है। पूरी दुनियां में परिवर्तन की लहरें उठ रहीं हैं। 56 सालों से लातिन अमरीका में अमरीकी साम्राज्यवाद से सीना तान कर खड़ा रहने वाला क्यूबा अब अकेला नहीं है। लातिन अमरीका के लगभग सभी देशों में वामपंथ की बयार बह रही है। लातिन अमरीका के प्राकृतिक संसाधनों का लम्बे समय तक दोहन करने के बाद अमरीकी साम्राज्यवाद को लातिन अमरीका में अब पांव रखने की जगह नहीं मिल पा रही है। पूंजीवाद का किला कहे जाने वाले अमरीका में संकट इतना गहरा हो गया है कि वहां ताकतवर जनान्दोलन उठ खड़ा हुआ है। अमरीका के सैकड़ों शहरों में दो माह से सड़कों पर जमीं बर्फ पर बैठ कर प्रदर्शनकारी आसमान से गिर रही बर्फ के बीच पूंजीवाद के खिलाफ शुरू हुए संघर्ष में हजारों की संख्या में पूंजीवाद के खिलाफ नारे बुलन्द कर रहे हैं। उनका नारा है 99 प्रतिशत बनाम 1 प्रतिशत।
उन्होंने कहा कि विकसित यूरोप में भी जनान्दोलनों की बाढ़ आई हुई है। यूरोपीय यूनियन के देशों में भी जनता सड़कों पर उतर कर बेकारी और आर्थिक विषमता के खिलाफ संघर्ष कर रही है।
भाकपा महासचिव ए. बी. बर्धन ने कहा कि 20 साल पहले सोवियत यूनियन के विघटन पर जश्न मनाने वाली ताकतें आज संकट में हैं। हाल में हुए चुनावों में भारी धांधली किये जाने के बावजूद वहां की कम्युनिस्ट पार्टी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी है और उसे 20 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इतने वोट तो हिन्दुस्तान में राज करने वाली कांग्रेस को भी नहीं मिलते।
देश में फैले भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए भाकपा महासचिव ए. बी. बर्धन ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह मनमोहन सिंह के ईमानदार होने की बात को कांग्रेस बार-बार दोहराती है लेकिन मनमोहन सिंह को चोरों के सरदार बनने से परहेज नहीं है। उनके कुछ मंत्री अभी-अभी जेल से बाहर आये हैं, कुछ अभी भी जेल में हैं तो कुछ जेल में जाने वाले हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे आन्दोलन का जिक्र करते हुए भाकपा महासचिव ने कहा कि माहौल बनाने का श्रेय अन्ना की टीम को दिया जा सकता है लेकिन कानून बनाने का अधिकार इस देश के संविधान में संसद को ही मिला हुआ है। संविधान बनाने वालों की तरफ कोई उंगली उठाने की हैसियत नहीं रखता। अंतिम बहस संसद के अन्दर ही होगी और कानून संसद द्वारा ही बनाया जायेगा। मजबूत लोकपाल बनाने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है। रात दिन बैठ कर बहस की जा सकती है। मजबूत लोकपाल बनाने के लिए सरकार को कानून लाना ही होगा।
भाकपा महासचिव ए. बी. बर्धन ने पूरे प्रदेश से आये प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे तेजी से बदलती दुनियां को समझने की कोशिश करें और हिन्दुस्तान में आवाम के मध्य पनप रहे आक्रोश को सही दिशा देने के लिए अपनी कार्यनीति का निर्धारण करें।
जनसभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा उप महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने कहा कि साम्राज्यवादी शक्तियों के दवाब में अधिक आयात एवं कम निर्यात के कारण खराब हुए विदेशी मुद्रा के भुगतान संतुलन को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार खुदरा व्यापार में एफडीआई की अनुमति देते समय यह नहीं सोचती कि इससे कितने करोड़ लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। विदेशों में जमा काले धन के 70 लाख करोड़ रूपये को जब्त करने के लिए सरकार तैयार नहीं है। सरकार को 18000 करोड़ का अनुदान पूंजीपतियों को मुहैया कराने में कोई संकोच नहीं होता लेकिन खाद्य सुरक्षा कानून बनाने में उसे इसलिए समस्या है कि कुछ हजार करोड़ रूपये का अनुदान सरकार को देना पड़ेगा। उन्होंने संप्रग-2 की सरकार को घपलों-घोटालों की सरकार बताया।
भाकपा उप महासचिव एस.
सुधाकर रेड्डी ने प्रदेश के कोने-कोने से आये प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे उत्तर प्रदेश में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को मजबूत बनाने के लिए उचित रणनीति का निर्धारण करें और सही रणनीति बना कर आसन्न विधान सभा चुनावों में विधान सभा में दुबारा दाखिल होना सुनिश्चित करें।
भाकपा की राष्ट्रीय परिषद के सचिव अतुल कुमार अंजान ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए देश की राजनीति में चल रहे वंशवाद की चर्चा की। उन्होंने कहा कि डा. लोहिया के शिष्य कभी नारे लगाते थे कि ‘स्वर्ग से लोहिया बोल रहा है, परिवारवाद चल रहा है‘। आज उन्हीं डा. लोहिया के शिष्यों की पार्टियों में भी वंशवाद हावी हो गया है।
देश की राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए अतुल कुमार अंजान ने कहा कि भ्रष्ट तरीकों से कमाया गया धन देश के विकास पर खर्च नहीं हो सकता जब तक कि उसे जब्त न कर लिया जाये। उन्होंने विदेशों में जमा धन को जब्त करने तथा विदेशी बैंकों में जमा काले धन के खातेदारों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की।
उत्तर प्रदेश में भाकपा के गौरवशाली इतिहास की ओर इशारा करते हुए अतुल कुमार अंजान ने प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे आगे आकर अपना पुराना गौरव शीघ्रतिशीघ्र हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ें।
जनसभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि पिछले विधान सभा चुनावों के पहले भाकपा ने नारा दिया था - ”जिस गाड़ी पर सपा का झण्डा, समझो उस पर बैठा गुण्डा“। बसपा ने भाकपा के इस नारे को पकड़ा और नारा दिया कि ”चढ़ गुण्डों की छाती पर, मुहर लगाओ हाथी पर“। चुनाव के बाद प्रदेशा की जनता ने देखा कि प्रदेश के सभी गुण्डे हाथी पर सवार हो गये और मदमस्त हाथी जनता की छाती पर चढ़ बैठा। हर दलित उत्पीड़न के पीछे बसपा के माननीय विधायकों की भूमिका जनता के सामने लगातार आती रही है। मायावती की पूरी सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। 17 मंत्रियों के खिलाफ लोकायुक्त की जांच चल रही है और 5 मंत्रियों को तो इस्तीफा देना पड़ा है। मुमकिन है कि चुनावों के बाद आज की सरकार के सभी मंत्री जेलों के अन्दर हों।
डा. गिरीश ने कहा कि मुलायम सिंह के पदचिन्हों पर चल कर मायावती सरकार ने किसानोंकी भूमि कौड़ियों के भाव अधिगृहीत कर पूंजीपतियों को सौंपने का सिलसिला जारी रखा तो दूसरी ओर सार्वजनिक क्षेत्र की तमाम परिसंपत्तियों को औने-पौने दामों पर पूंजीपतियों को बेच दिया। उन्होंने कहा कि विधान सभा चुनाव सर पर आ गये हैं, जनता में कांग्रेस, भाजपा और सपा में से किसी की ओर झुकाव दिखाई नहीं देता। बसपा का ग्राफ तेजी से गिर रहा है। भ्रष्टाचार, महंगाई एवं उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं से जनता में आक्रोश है। प्रदेश की राजनीति में एक शून्य उत्पन्न हुआ है जिसे भरने के लिए हमें तेजी से काम करना है।
अध्यक्षमंडल की ओर से अध्यक्षीय भाषण करते हुए प्रो. मदीउर्रहमान सुहेव शेरवानी ने कहा कि जनता के बीच आक्रोश है, बदलाव की चाहत है। मिस्र में जनता ने एक तानाशाह के खिलाफ सड़कों पर आक्रोश का प्रदर्शन किया परन्तु वामपंथ की अनुपस्थिति में सेना ने देश की सत्ता को अपने कब्जे में ले लिया। एक शैतान गया तो दूसरा आ गया। उन्होंने कहा कि हमें हिन्दुस्तान में ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने देना है। वामपंथी ताकतों को जनता के आक्रोश को सही दिशा देने की अपनी ऐतिहासिक भूमिका को निभाना है।
जनसभा में अतिथियों का स्वागत राम बाबू गुप्ता, दिनेश वार्ष्णेय, भगवान स्वरूप जायसवाल, एच. एन. सिंह, चन्द्र शेखर दीक्षित, रणवीर सिंह, डा. राकेश सक्सेना और एहतेशाम बेग ने माल्यार्पण कर तथा मदीउर्रहमान सुहेव शेरवानी, इम्तियाज अहमद, अरविन्द राज स्वरूप, सुशीला सिंह तथा सारिका शर्मा ने लाल शाल ओढा कर किया।
जनसभा की समाप्ति के बाद राज्य सम्मेलन के औपचारिक उद्घाटन के पहले पार्टी के ध्वज को वयोवृद्ध कम्युनिस्ट तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी देवकी नन्दन शर्मा ने फहराया तथा उपस्थित प्रतिनिधियों तथा कार्यकर्ताओं ने समवेत स्वर में झंडा गीत गाया।
राज्य सम्मेलन की कार्यवाही अशोक मिश्र, इम्तियाज अहमद, विश्वनाथ शास्त्री, रामधन और आशा मिश्रा के अध्यक्षमंडल ने की। सम्मेलन की शुरूआत में मिनट्स कमेटी, प्रस्ताव समिति तथा क्रेडेन्शियल कमेटी आदि का गठन किया गया।
राज्य कार्यकारिणी सदस्य अरविन्द राज स्वरूप ने जौनपुर सम्मेलन के बाद दिवंगत पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं तथा तमाम सार्वजनिक हस्तियों का उल्लेख करते हुए श्रद्धांजलि प्रस्ताव पेश किया और सम्मेलन की प्रतिनिधियों ने खड़े होकर दो मिनट का मौन रख कर दिवंगत लोगों को अपनी श्रद्धांजलि दी।
तत्पश्चात् स्वागत समिति के अध्यक्ष प्रो. मदीउर्रहमान सुहेव शेरवानी ने प्रतिनिधियों का अलीगढ़ में स्वागत करते हुए अलीगढ़ के ऐतिहासिक गौरव का उल्लेख करते हुए अलीगढ़ सम्मेलन के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास में मील का पत्थर साबित होने की आकांक्षा प्रकट की।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भाकपा के उप महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पिछले चार साले में घटित तमाम घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए इंगित किया कि पश्चिम एशिया तथा उत्तर अफ्रीका के अधिकतर देशों में मजबूत कम्युनिस्ट पार्टियों की अनुपस्थिति के कारण जनता के आक्रोश और लगातार आन्दोलन के बावजूद कोई भी मूलभूत परिवर्तन सम्भव नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषी क्षेत्रों में भाकपा के मजबूत किये बिना कम्युनिस्ट पार्टी का पूरे देश में विकास सम्भव नहीं है और इस कार्य में उत्तर प्रदेश के साथियों को अपनी भूमिका को अदा करने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पार्टी की गतिविधियां पिछले चार सालों में बढ़ी हैं लेकिन गतिविधियों की तुलना में संगठन नहीं बढ़ा है। उन्होंने संगठन के योजनाबद्ध विकास की आवश्यकता को चिन्हित करते हुए सम्मेलन के प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे अपने विचार-मंथन के जरिये सही कार्यनीति का निर्धारण करें तथा जन संगठनों पर आधारित पार्टी संगठन के विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें।
उद्घाटन के बाद भाकपा राज्य सचिव डा. गिरीश ने राजनैतिक, सांगठनिक तथा कार्य रिपोर्टों को पेश करते हुए प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बूथ स्तर पर पार्टी संगठन को खड़ा करने की आवश्यकता रेखांकित की।
अगले दिवस के सत्र की शुरूआत अमर शहीद राजेन्द्र लाहिड़ी के बलिदान दिवस पर तमाम ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने तथा दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। तत्पश्चात् प्रतिनिधियों ने राजनैतिक, सांगठनिक एवं कार्य रिपोर्टों पर चर्चा शुरू की। रिपोर्टो पर चर्चा के दौरान प्रतिनिधियों में आसन्न विधान सभा चुनावों में जनता के सामने वामपंथी विकल्प प्रस्तुत करने की बेचैनी स्पष्ट दिखाई दे रही थी। सभी प्रतिनिधि प्रदेश की राजनीति में भाकपा की वापसी की इच्छा शक्ति से लबरेज लग रहे थे।
चर्चा के मध्य अचानक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा भाकपा के पूर्व राज्य सचिव कामरेड जगदीश नारायण त्रिपाठी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। सत्र में चल रही चर्चा को अल्प विराम देकर प्रतिनिधियों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये।
सायंकाल देर तक रिपोर्टों पर चर्चा के बाद राज्य सचिव डा. गिरीश ने चर्चा का जवाब देते हुए आये सभी उचित संशोधनों को स्वीकार करते हुए रिपोर्टो को पारित करने का अनुरोध किया। राज्य सम्मेलन ने आवश्यक संशोधनों के साथ तीनों रिपोर्टों को सर्वसम्मति से पारित किया।
तत्पश्चात पार्टी के प्रांतीय कोषाध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने चार वर्षों के आय-व्यय का ब्यौरा पेश करते हुए प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे लेवी एवं धन संग्रह के जरिये पार्टी के लिए अधिक से अधिक कोष संग्रह के कार्य को जुझारूपन और गम्भीरता से हाथ में लें। आय-व्यय को राज्य सम्मेलन ने सर्वसम्मति से पारित किया।
इस दिवस बाराबंकी से प्रकाशित होने वाली पत्रिका ‘लोक संघर्ष’ के विशेषांक का लोकार्पण कार्यक्रम भी हुआ। विशेषांक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विकास में उत्तर प्रदेश के साथियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए उत्तर प्रदेश भाकपा के इतिहास पर अनिल राजिमवाले का विस्तृत लेख प्रकाशित किया गया था। पत्रिका का लोकार्पण भाकपा के उप महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी तथा राष्ट्रीय परिषद के सचिव अतुल कुमार अंजान ने किया। रणधीर सिंह सुमन ने सभी को धन्यवादन दिया।
प्रतिनिधि सत्र समाप्त होते ही इप्टा अलीगढ़ के साथियों ने क्रान्तिकारी गीत प्रस्तुत किये तथा एक स्थानीय विद्यालय के बच्चों ने ‘गढ्ढा लाइव’ नाटक पेश किया। तमाम प्रतिनिधियों ने नाटक पेश करने वाले  बच्चों को पुरस्कार स्वरूप धन प्रदान किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन भाकपा महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी द्वारा विद्यालय के प्रधानाचार्य को सम्मानित करने के साथ हुआ।
तीसरे दिन सम्मेलन ने 83 सदस्यीय नई राज्य कौंसिल तथा 9 सदस्यीय कंट्रोल कमीशन का गठन किया तथा 21वें राष्ट्रीय महाधिवेशन के लिए प्रतिनिधियों का निर्वाचन किया। नव निर्वाचित राज्य कौंसिल ने बैठक कर डा. गिरीश को पुनः सर्वसम्मति से राज्य सचिव निर्वाचित किया तथा नई राज्य कार्यकारिणी एवं सचिव मंडल के गठन तक पिछले सचिव मंडल को कार्य करते रहने के लिए निर्देशित किया।
सम्मेलन के अंतिम दिवस प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि अदम ‘गोंडवी’ के आकस्मिक निधन का समाचार मिलने पर सम्मेलन की कार्यवाही को रोक कर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी।
सम्मेलन का समापन के पूर्व सफल आयोजन के लिए पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया।
सम्मेलन का समापन करते हुए भाकपा की राष्ट्रीय परिषद के सचिव अतुल कुमार अंजान ने आसन्न विधान सभा चुनावों के महत्व को इंगित करते हुए नई राज्य कौंसिल से अपेक्षा की कि वह जेहनी तौर पर एकताबद्ध होकर पुराने गौरव को दुबारा हासिल करने की ओर आगे बढ़ें। सम्मेलन ने आसन्न विधान सभा चुनावों के लिए दस लाख रूपये का धन संग्रह एक माह के अन्दर करने का संकल्प लिया।
सम्मेलन के समापन के बाद सायंकाल प्रगतिशील लेखक संघ की अलीगढ़ इकाई की ओर से एक कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का सफल आयोजन किया गया जिसमें तमाम वरिष्ठ कवि एवं शायरों ने अपनी क्रान्तिकारी रचनायें प्रस्तुत कीं।

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