Wednesday, February 4, 2015

भाजपा सांप्रदायिकता भड़काने को हर हथकंडा अपना रही है.

लखनऊ- ४ फरबरी, २०१५ – लव जिहाद, घर वापसी, हिन्दुओं को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह और संघ परिवार द्वारा इसी तरह के तमाम हथकंडों को बहुसंख्यक समाज द्वारा ठुकरा देने तथा मोदी के कथित करिश्मे की कलई खुलते जाने से हतप्रभ भाजपा और संघ परिवार ने अब सांप्रदायिक विभाजन के लिये नए नए हथकंडे अपनाना शुरू कर दिए हैं. अगर शासन स्तर से संघ की इन कारगुजारियों को बेनकाव कर कड़ी कार्यवाही नहीं की गयी तो सांप्रदायिक तत्व पटरी पर आरहे सांप्रदायिक सद्भाव को फिर खतरे में डाल देंगे. उपर्युक्त के संबन्ध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल की ओर से जारी एक प्रेस बयान में पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने बताया कि गत दिन बुलंदशहर जनपद के नरसैना थानान्तर्गत ऊंचा गांव तथा अमरगढ़ आदि ग्रामीण क्षेत्रो में इस तरह के पर्चे गुपचुप तरीके से बिखेरे गये जिनकी भाषा बेहद आपतिजनक थी. इनकी इबारत इस तरह से तैयार की गयी थी कि बहुसंख्यक समाज इन्हें अल्पसंख्यको द्वारा लिखा समझे और अल्पसंख्यक समाज के विरुध्द भड़क उठे. संतोष की बात है कि आम जनता इस करतूत को समझ गयी और सांप्रदायिकता भड़काने को की गयी इस घ्रणित कार्यवाही को विफल कर दिया. डा. गिरीश ने खुलासा किया कि पश्चिमी उत्तरप्रदेश को अपनी राजनैतिक प्रयोगशाला के तौर पर तैयार करने में जुटा संघ परिवार मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यहाँ तमाम ऐसे विवादों को हवा देने में जुटा रहा है जिनसे दंगे भड़कें. लेकिन उन्हें इस काम में कामयावी नहीं मिली. उलटे भूमि अधिग्रहण अध्यादेश और अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा जैसे सवालों पर इस क्षेत्र में भाकपा तथा अन्य संगठनों ने यहां कई आन्दोलन किये हैं जिससे भाजपा अपने को जनता से कटता अनुभव कर रही है. अतएव जनता को फिर विभाजित करने को उसने अब नए हथकंडे चलाना शुरू कर दिया है. भाकपा ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह प्रदेश में खुफिया एजेंसियों को सक्रिय कर ऐसे तत्वों को चिन्हित करे और कड़ी कार्यवाही करे ताकि वे शांति को पलीता न लगा सकें. डा. गिरीश

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