Thursday, November 13, 2014

गन्ना मूल्य बढ़ाओ वरना आन्दोलन होगा: भाकपा

लखनऊ- पूर्व की भांति इस बार भी गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य न बढ़ाये जाने के राज्य सरकार के निर्णय की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कड़े शब्दों में आलोचना की है. भाकपा ने मांग की है कि गन्ने का समर्थन मूल्य रु ३५० प्रति कुंतल निर्धारित किया जाये. भाकपा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया तो वह आन्दोलन को बाध्य होगी. यहाँ जारी एक बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा.गिरीश ने कहा कि जरूरी उपकरणों और उपादानों की कीमत में हुयी बढ़ोत्तरी के चलते गन्ने की उद्पादन लागत में खासी वृध्दि हुयी जिसके विभिन्न आंकड़े सरकार के पास हैं. इस बार सूखा और बाढ़ के चलते लागत और भी बढ़ गयी है और गन्ने के उत्पादन में गिरावट भी आरही है.यही वजह है कि किसान और किसान हितैषी संगठन गन्ने का मूल्य ३५० रु. प्रति कुंतल करने की मांग कर रहे थे. लेकिन राज्य सरकार ने किसानों के बजाय चीनी मिल मालिकों को लाभ पहुँचाने को न केवल गन्ना मूल्य जाम कर दिया अपितु उसका भुगतान दो किश्तों में करने का फरमान भी जारी कर दिया. अभी तक राज्य सरकार किसानों के पिछले सत्र के बकाये को भी नहीं दिला पायी और किसानों का लगभग दो हजार करोड़ रुपया आज भी चीनी मिलों पर बकाया है. अन्य कई रियायतें भी चीनी मिल मालिकों को दे दी गयी हैं. डा. गिरीश ने कहाकि मुख्यमंत्री दिन में सौ बार अपनी सरकार को समाजवादी सरकार बताते रहते हैं. यह कैसा समाजवाद है जो मिल मालिकों को माला- माल और किसानों को कंगाल बना रहा है. किसानों के अच्छे दिन लाने का झांसा देने वाली केंद्र सरकार भी पूंजीपतियों के हित में भूमि अधिग्रहण कानून को बदलने जा रही है. चहुँतरफा मार झेल रहा किसान आत्म हत्याएं करने को मजबूर है और केंद्र में शासक दल भाजपा राज्य सरकार के किसान विरोधी कदमों की आलोचना करके और प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा केंद्र सरकार के किसान विरोधी कदमों की आलोचना करके राजनैतिक रोटियां सेंक रही हैं. किसान हितों की किसी को परवाह नहीं. भाकपा राज्य सचिव ने उन जिलों जहाँ गन्ना पैदा होता है, की भाकपा की कमेटियों का आह्वान किया है कि वे सरकार के इन कदमों के विरुध्द आवाज उठायें. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही भाकपा राज्य स्तर पर भी आन्दोलन की रुपरेखा बनायेगी. डा.गिरीश, राज्य सचिव

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