Saturday, July 26, 2014
सहारनपुर की बारदातें शांति को पलीता लगाने की कोशिशें : भाकपा ने कड़ी कार्यवाही की मांग की
लखनऊ २६ जुलाई, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आज सहारनपुर में चल रही हिंसक वारदातों पर गहरी चिंता व्यक्त की है. भाकपा ने इसे शांति को पलीता लगाने की सांप्रदायिक शक्तियों का दुश्चक्र करार दिया है. भाकपा ने इस बात पर गहरा अफ़सोस जताया है कि अभी भी प्रशासन हालातों पर काबू नहीं पा सका है और हिंसक और उपद्रवी तत्व वहां खुला खेल खेल रहे हैं. हालातों पर अविलम्ब काबू पाया जाना बेहद जरूरी है.
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि सहारनपुर में एक उपसमुदाय का दूसरे समुदाय से वहां एक धर्मस्थल के विस्तार को लेकर पिछले ६-७ साल से विवाद चल रहा था. शासन- प्रशासन मामले को सुलझाने में विफल रहा था. ताजा घटनाक्रम के अनुसार इस बीच उपसमुदाय ने निर्माण कार्य करा लिया था और लिंटर डालने की तैय्यारी चल रही थी. इसी बात को लेकर गत रात दोनों पक्ष आमने सामने आगये वहां हिंसक वारदातें शुरू होगयीं. हिंसा में अब तक दो लोगों की जानें जचुकी हैं.
अब सांप्रदायिक तत्व मौके का लाभ उठाने में जुट गये हैं. भगवा ब्रिगेड गली कूचों में अल्पसंख्यकों की सम्पत्तियों को जला रही है, लूट रही है. गरीबों के ठेले खोमचे जला कर राख कर दिए गये. सभी जानते हैं कि आज कांठ को लेकर भाजपा ने पूरे प्रदेश को उपद्रवों की जड़ में लेने की योजना बनाई हुई थी. सहारनपुर की घटना आपरेशन-कांठ का विस्तार है. कल ही उत्तरांचल में हुये उपचुनावों में तीनों सीटें हार चुकी भाजपा खिसियाई बिल्ली की तरह खम्भा नोंच रही है और मोदी सरकार की असफलताओं पर पर्दा डालने को सांप्रदायिक दंगे भड़काने पर उतारू है.
भाकपा राज्य सचिव ने समाजवादी पार्टी की राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह ध्रुवीकरण की राजनीति से लाभ उठाने के चक्र से बाहर आये और हिंसक और उपद्रवी तत्व जिस भी समुदाय के हों, उन्हें सख्ती से कुचल दे. भाकपा ने प्रदेश भर की अमन पसंद ताकतों से अपील की है कि वह शांति और भाईचारा बनाये रखने को आगे आयें और प्रदेश को हिंसा की आग में झोंकने के प्रयासों को परवान न चड़ने दें.
कल अलीगढ़ पहुंचेगा भाकपा का जांच दल--
भाकपा राज्य कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार भाकपा का एक जाँच दल कल- २७ जुलाई को अलीगढ़ जनपद के वीरमपुर गांव जायेगा जहां गत दिनों दबंगों ने एक भूमि विवाद को लेकर तीन दलितों की दिन दहाड़े हत्या कर दी थी.
डा. गिरीश
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