लखनऊ 28 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य कौंसिल की दो दिवसीय बैठक आज यहां भाकपा के राज्य कार्यालय पर अतुल कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुरू हो गयी है।
बैठक में राज्य सचिव डा. गिरीश ने राजनैतिक एवं संगठनात्मक रिपोर्ट पेश की जिस पर चर्चा चल रही है। बैठक का यह मानना है कि मोदी सरकार ने जिस प्रकार यात्री भाड़े और रेल भाड़े के साथ-साथ डीजल के दामों में बढ़ोतरी एवं चीनी के आयात शुल्क में वृद्धि जैसे महंगाई बढ़ाने वाले फैसले लिये हैं, उससे आसमान छूती महंगाई से जनता को निकट भविष्य में किसी भी प्रकार की राहत मिलना सम्भव नहीं है। न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करते समय भी फसलों की आ रही लागत को विचार में नहीं लिया गया और किसान विरोधी फैसला किया गया है।
सोने का आयात खोल देने से सोने के भावों में आई गिरावट में बड़े पूंजीपतियों ने अपने काले धन का निवेश सोने में कर देने के कारण सोने के भाव फिर बढ़ गये। वैसे भी सोने की खरीद-फरोख्त जनता के बड़े तबके द्वारा नहीं की जाती है।
मोदी सरकार बनने की प्रत्याशा में सरकार बनने के पूर्व से ही कुलांचे मार रहा शेयर बाजार अब लड़खड़ाने लगा है और विदेशी मुद्रा बाजार में रूपये की वैल्यू लगातार गिर रही है जिसके कारण तमाम जिन्सों के दामों में बढ़ोतरी के आसार पैदा हो रहे हैं। अपने निर्णयों से मोदी सरकार ने यह संकेत दे दिया है कि वह महंगाई फैलाने वाले और बेरोजगारी बढ़ाने वाली कांग्रेस की नई आर्थिक नीतियों को ही आगे बढ़ायेगी। मोदी सरकार ने पहले ही कड़े फैसलों का संकेत दे दिया है और निश्चित रूप से यह कड़े फैसले आम जनता के ही खिलाफ लिये जायेंगे न कि मुनाफाखोरों और बड़े घरानों के खिलाफ।
राज्य सरकार के कार्यों की समीक्षा करते हुए बैठक में सामान्य राय यह है कि लोक सभा चुनावों के परिणामों से सपा ने कोई सबक नहीं लिया है और पूरी तरह एक जन विरोधी बजट पेश किया गया है। नये बजट में सरकार ने लैपटाप, कन्या विद्या धन तथा बेरोजगारी भत्ता जैसी कई योजनाओं को खत्म कर दिया। सवाल उठता है कि क्या उन लोगों को अब उसकी जरूरत नहीं है? या फिर इस सबका उद्देश्य केवल वोट हासिल करना था। और जब जनता ने वोट नहीं दिया तो एक झटके में उससे सभी कुछ छीन लिया गया।
कानून-व्यवस्था के मामले में भी सरकार नकारा साबित हुई है। प्रदेश में प्रति दिन लगभग एक दर्जन बालिकाओं के साथ बलात्कार, बलात्कार के बाद हत्या या हत्या के प्रयास की खबरें आ रही हैं। अब तो पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर दुराचार के आरोप लग रहे हैं। सरकार केवल नौकरशाहों को उद्देश्यहीन तरीके से थोक में लगातार इधर से उधर कर रही है और कानून-व्यवस्था को सुधारने के कोई प्रयास नहीं कर रही है।
वर्षा के बारे में मौसम विभाग के स्पष्ट संकेतों के बावजूद सूखे से निपटने के मोर्चे पर सरकार ने अभी सोचना भी शुरू नहीं किया है। बिजली में बेतहाशा कटौती के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक कृषि कार्य शुरू नहीं हो सका है। सरकार बिजली की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी कर महंगाई को आगे बढ़ाने का ही काम कर रही है।
बैठक अभी चल रही है और कल तक चलेगी। कई सांगठनिक एवं कार्यक्रम सम्बंधी फैसले लिये जा सकते हैं।
कार्यालय सचिव
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