Sunday, December 8, 2013

गन्ना किसानों की समस्याएं जस की तस. जारी रखें आन्दोलन.

गन्ना किसानों की मांगों को लेकर भाकपा का धरना/प्रदर्शन जिला मुख्यालयों पर ९ दिसंबर को. लखनऊ—८ दिसंबर – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने बताया कि गन्ना किसानों की समस्यायों के समाधान की मांग को लेकर भाकपा कल प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर धरने/प्रदर्शन आयोजित करेगी. प्रदेश भर में इन प्रदर्शनों की व्यापक तैय्यारियों की खबर भाकपा मुख्यालय को प्राप्त हो रही हैं. धरने/प्रदर्शन के बाद महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपे जायेंगे. इन ज्ञापनों में गन्ने की कीमत रु. ३५० प्रति कुंतल किये जाने, चीनी मिलों पर किसानों के बकाया रु.२४०० करोड़ का तत्काल भुगतान कराये जाने, अभी तक नहीं चलाई गयी मिलों को फौरन चालू कराने, जो मिलें आज भी उत्पादन करने में टालमटोल कर रही हैं उनका अधिग्रहण किये जाने, समस्त गन्ने की पेराई तक मिलें चालू रखे जाने तथा मौजूदा सत्र के गन्ने के समूचे मूल्य का भुगतान दो सप्ताह के भीतर किये जाने की मांगें की जायेंगी. डॉ. गिरीश ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी मिल मालिकों के सामने घुटने टेक रखे हैं और आज भी गन्ना किसान असहाय महसूस कर रहा है. प्रदेश में दो किसान आत्म हत्याएं कर चुके हैं जबकि कई अन्य आत्मदाह का प्रयास कर चुके हैं. उन्होंने कांग्रेस, भाजपा एवं बसपा पर गन्ना किसानों की समस्यायों पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप भी जड़ा है. उन्होंने कहाकि किसी न किसी रूप में ये पार्टियाँ गन्ना किसानों की मौजूदा हालत के लिये जिम्मेदार रही हैं. और आज जब गन्ना किसान एक मुद्दा बन गया है, ये पार्टियाँ भी उनके हित में लड़ने का नाटक रच रही हैं. भाकपा के धरने में इन दलों की कारगुजारियों का पर्दाफाश भी किया जायेगा. डॉ.गिरीश, राज्य सचिव

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