Tuesday, December 10, 2013

सांप्रदायिक एजेंडे को पीछे धकेल रोजी रोटी के सवाल को केंद्र में लाने का काम करेगा श्रमिकों का संसद मार्च.

१२ दिसम्बर को श्रमिकों का विशाल संसद मार्च- सभी तैय्यारियाँ पूरी. लखनऊ—१० दिसम्बर २०१३- जानलेवा महंगाई, केंद्र और राज्य सरकार द्वारा आमजनता के साथ की गई धोखाधड़ी, राष्ट्रीय संसाधनों एवं जनता के धन की बेशर्मी से लूट, रूडिवादी फूटपरस्त विघटनकारी शक्तियों की कारगुजारियों आदि के विरुध्द एवं केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा निर्धारित १० सूत्रीय मांगों की पूर्ति हेतु देश के सभी ११ केन्द्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा १२ दिसम्बर को संसद पर विशाल प्रदर्शन किया जा रहा है. जुलूस प्रातः १० बजे दिल्ली के रामलीला मैदान से शुरू होगा. देश के सबसे प्रथम ट्रेड यूनियन संगठन- आल इण्डिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस(एटक) ने उत्तर प्रदेश में इस प्रदर्शन को भारी सफल बनाने के लिये पूरी तरह कमर कस ली है. प्रदेश के विभिन्न भागों में लगभग दो दर्जन सभाएं, कन्वेंशन एवं रैलियां आयोजित की जा चुकी हैं. कई जगह कार्यकर्ता बैठकें भी आयोजित की गईं हैं. इन कार्यक्रमों में एटक की सचिव का. अमरजीत कौर एवं एटक के राज्य अध्यक्ष का. अरविन्द राज स्वरुप स्वरूप ने भाग लिया. क्योंकि भाकपा इस आन्दोलन को सक्रिय समर्थन प्रदान कर रही है अतएव भाकपा के राज्य सचिव डॉ.गिरीश ने भी कई सभाओं को संबोधित किया और तमाम जिलों का व्यापक भ्रमण किया. एटक सूत्रों के मुताबिक देश के दूर दराज क्षेत्रों से श्रमिकों और कर्मचारियों के जत्थे रवाना होचुके हैं. शेष भागों के जत्थे कल रवाना होंगे.बैंक कर्मी अपनी मांगों को लेकर कल वहां धरना देंगे और १२ दिसम्बर के प्रदर्शन में भी भागीदारी करेंगे. रैली के आयोजकों का दाबा है कि भले ही सांप्रदायिकता को आगे बड़ा कर महंगाई और भ्रष्टाचार तथा इसकी जनक पूंजीवादी व्यवस्था के कारनामों को प्रष्ठभूमि में धकेलने की कोशिश की जा रही हो और वर्तमान चुनाव परिणामों की आढ़ में नव-उदारवाद की नीतियों से पल्ला झाड़ने की साजिश रची जारही हो, यह रैली गरीबों किसानों मजदूरों की रोटी कपड़ा मकान इलाज और पढाई की लड़ाई को मुद्दा बनाने की दिशा में एक ठोस कार्यवाही साबित होगी. कार्यलय सचिव,एटक उत्तर प्रदेश

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