Sunday, September 16, 2012

मूल्यवृद्धि और विदेशी निवेश के खिलाफ 20 सितम्बर को सड़कों पर उतरेगी भाकपा

लखनऊ 17 सितम्बर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य मंत्रिपरिषद की एक आपात्कालीन बैठक राज्य सचिव डा. गिरीश की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में केन्द्र सरकार पर यह आरोप लगाया गया कि वह एक के बाद एक जनता के ऊपर कहर बरपाने वाले कदम उठा रही है। उसने किसानों एवं आम जनता पर भारी बोझ लादने वाला कदम उठाते हुये डीजल के दामों में पांच रूपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी। उच्च श्रेणी के पेट्रोल की कीमतों में बिना किसी सार्वजनिक घोषणा के रू. 6.74 की वृद्धि कर दी। गैस सिलेंडर प्रति परिवार साल में 6 ही देने और शेष को बाजार के मूल्य पर उपलब्ध कराने जैसा जघन्य कदम उठा दिया। खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश के सारे रास्ते खोल दिये जिससे हमारे छोटे उद्योग एवं व्यापार के सामने संकट खड़ा हो गया। नाल्को जैसे नवरत्न सार्वजनिक उद्योग, जोकि लाभ दे रहे हैं, के शेयर बेचने का फैसला ले डाला। इन सारे कदमों से पहले से ही आसमान छू रही महंगाई तथा बेकारी को और भी बढ़ावा मिलेगा, भाकपा ने आरोप लगाया है।
भाकपा राज्य मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया कि केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार 20 सितम्बर को उपर्युक्त सवालों के खिलाफ आयोजित प्रतिरोध दिवस में पूरे उत्तर प्रदेश में जन प्रतिरोध आयोजित किये जायें। पार्टी ने अपनी जिला कमेटियों को निर्देश दिया है कि वे बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर कर सरकार के इन कदमों का विरोध करें। भाकपा ने किसानों, मजदूरों, महिलाओं से अपील की है कि वे सब इस प्रतिरोध में शामिल हों। पार्टी ने ट्रान्सपोर्र्ट्स, दुकानदारों एवं व्यापारियों के संगठनों से भी अपील की है कि वे इस प्रतिरोध में मजबूती से भागीदारी करें। साथ ही जनता से, खास तौर से देशभक्त नागरिकों से, अपील की कि वे भी इस आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभायें। हमको इन सारी कार्रवाईयों का पुरजोर विरोध करना है ताकि सरकार के जनविरोधी कदमों को वापस कराया जा सके और जनता के जीवन की सुरक्षा की जा सके।
भाकपा ने राज्य सरकार से भी अनुरोध किया है कि वह पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले वैट को कम करके और हाल ही में बिजली एवं अन्य जिन्सों के ऊपर बढ़ाये गये करों को वापस ले कर उत्तर प्रदेश की जनता को राहत प्रदान करें।

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