Thursday, May 19, 2011

भाकपा द्वारा एएमयू कम्यूनिटी के आन्दोलन का समर्थन


कुलपति को तुरन्त हटाने की मांग

लखनऊ, 19 मई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि वह आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति को तुरन्त बर्खास्त करे ताकि उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ घोषित सीबीआई जांच निष्पक्ष और अबाध रूप से पूरी की जा सके। भाकपा ने कुलपति को हटाने की मांग को लेकर एएमयू में चल रहे आन्दोलन को पुरजोर समर्थन भी प्रदान किया है।

यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने आरोप लगाया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं और केन्द्र सरकार द्वारा एक कमेटी से कराई गयी जांच में वे दोषी पाये गये हैं लेकिन सरकार न तो उनके विरूद्ध कोई कार्रवाई कर रही है औरन न ही जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है। इससे अमुवि के छात्रों, शिक्षकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों एवं एमएमयू ओल्ड ब्याज में भी भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है।

इस गहरे आक्रोश के चलते समूची एएमयू कम्यूनिटी आन्दोलन की राह पर है। एएमयू एंटी करप्शन फोरम के संयोजक प्रो.मदीउर्रहमान ‘सुहेब’ शेरवानी (जोकि भाकपा राज्य कार्यकारिणी के भी सदस्य हैं।) एवं प्रो. ए.ए. उस्मानी 16 मई से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। एएमयू स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले क्रमिक भूख हड़ताल जारी है। एएमयू स्टूडेन्ट्स यूनियन भी भूख हड़ताल पर है और छात्रों का एक स्वतंत्र ग्रुप अलग से भूख हड़ताल पर बैठा है। सच कहा जाये तो एएमयू कुलपति आवास के सामने वाला मार्ग जंतर-मंतर बन चुका है।

डा. गिरीश ने इस बात पर गहरा रोष जताया कि इन व्यापक जनान्दोलनों के बावजूद केन्द्र सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी। केन्द्रसरकार ने सीबीआई जांच की घोषणा तो की है मगर उसका नोटीफिकेशन अभी तक नहीं किया। फिर सीबीआई जांच के पहले कुलपति को हटाने की बेहद जायज मांग को भी अभी तक नहीं माना। यह भ्रष्ट आचरण की परवरिश करने की साजिश है। भाकपा राज्य सचिव ने चेतावनी दी कि यदि केन्द्र सरकार एएमयू कम्यूनिटी की जायज मांगों पर अमल नहीं करेगी तो भाकपा को भी अपरिहार्य कदम उठाने को बाध्य होना पड़ेगा।

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