Tuesday, May 10, 2011

कामरेड ए. के. सिंह दिवंगत


कनारा बैंक कर्मचारियों के नेता तथा भाकपा की लखनऊ बैंक ब्रांच के एक बेहद सक्रिय तथा मिलनसार साथी कामरेड ए. के. सिंह का 55 साल की आयु में 7/8 मई की रात्रि में हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी कार्यालय में पार्टी ध्वज को उनके सम्मान में झुका दिया गया। पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश, कोषाध्यक्ष प्रदीप तिवारी तथा जिला सचिव मो. खालिक ने उनके निवास पर जाकर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। उनके निवास स्थान पर बैंक कर्मचारियों का तांता लगा हुआ था और हर कोई उनके निधन से स्तब्ध था। उनकी शवयात्रा उनके निवास स्थान से दोपहर बाद शुरू हुई जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। अंतिम संस्कार स्थानीय भैंसा कुण्ड घाट पर सम्पन्न हुआ जिसमें भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान, राज्य सचिव डा. गिरीश, प्रदीप तिवारी, आशा मिश्रा (महिला फेडरेशन), वी. के. सिंह, आर. के. अग्रवाल, परमानन्द, दीप कुमार बाजपेई सहित तमाम बैंक कर्मचारी नेता, भाकपा के जिला सह सचिव तथा सांस्कृति कर्मी ओ. पी. अवस्थी, किसान सभा के राम प्रताप त्रिपाठी, खेत मजदूर यूनियन के फूल चन्द यादव, मुख्तार अहमद सहित सैंकड़ों लोग मौजूद थे। 8 मई को ही पार्टी की जिला कौंसिल की बैठक में उन्हें दो मिनट मौन रहकर श्रद्धांजलि दी गयी।

कामरेड ए. के. सिंह मूलतः बलिया के रहने वाले थे। उनके स्वर्गीय पिता लखनऊ में अपराध विज्ञान प्रयोगशाला में अधिकारी थे जिसके कारण उनकी शिक्षा-दीक्षा लखनऊ में ही हुई और उन्होंने लखनऊ में ही कनारा बैंक में नौकरी पाने के बाद मजदूर आन्दोलन में अपनी मजबूत शिरकत की। उनके निधन से उत्तर प्रदेश की भाकपा ने एक ऐसे मजबूत साथी को खो दिया है जिससे बहुत उम्मीदें थीं। उनके निधन से एआईबीईए ने भी अपने एक मजबूत सिपाही को खो दिया है जिसकी छतिपूर्ति निकट भविष्य में सम्भव नहीं हो सकेगी।

1 comment:

vijai Rajbali Mathur said...

ka.A.K.Singh ke nidhan par gahan dukh hua ,ham unkee aatmaa kee shanti kee praarthana karte hain.