लखनऊ 27 जुलाई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य कौंसिल ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा त्रैमाषिक समीक्षा में उठाये गये कदमों को महंगाई रोकने के लिए नाकाफी बताते हुए कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के बयान से साफ जाहिर है कि खाद्य वस्तुओं की कमरतोड़ महंगाई रिजर्व बैंक का सरोकार नहीं है जबकि यही महंगाई हिन्दुस्तान के 90 प्रतिशत नागरिकों के जीवन को समस्याग्रस्त बना चुकी है। भारतीय रिजर्व बैंक का केवल गैर खाद्य पदार्थों की महंगाई पर चिन्तित होना इस देश की आम जनता के हितों के खिलाफ है।
यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य कोषाध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने खाद्य वस्तुओं के लिए गैर कृषि क्षेत्र को दिए जाने वाले अग्रिम में कटौती के लिए कोई उपाय नहीं किए हैं जिससे इन वस्तुओं की जमाखोरी पर अंकुश लगता। उन्होंने कहा कि हम आशा कर रहे थे कि भारतीय रिजर्व बैंक कम से कम अब खाद्य वस्तुओं के लिए अग्रिम पर सेलेक्टिव क्रेडिट कंट्रोल उपायों को लागू करेगा और इस क्षेत्र को मुद्रा प्रवाह को संकुचित करेगा।
बयान में कहा गया है कि शेयर मार्केट में उछाल और व्यवसायिक घरानों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के कदमों की सराहना से साबित होता है कि बाजार और सरमायेदार जैसा चाहते थे, भारतीय रिजर्व बैंक ने केवल उतने ही कदम उठाये हैं। केन्द्रीय बैंक का आम जनता से सरोकार समाप्त होना चिन्ता का विषय है जिस पर गम्भीर और व्यापक चर्चा होनी चाहिए।
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश राज्य कौंसिल
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