Sunday, February 7, 2016
केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भाकपा का जिला केन्दों धरना प्रदर्शन 11 फरबरी को
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने अपनी समस्त जिला इकाइयों को निर्देशित किया है कि वे केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार के जन विरोधी कार्यों से जनता को राहत दिलाने को 11 फरबरी को जिला स्तर पर आन्दोलन करें.
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि केन्द्र की मोदी सरकार बेशर्मी के साथ आर्थिक नव उदारवाद के एजेंडे पर चल रही है, इसके चलते जनता की समस्यायें लगातार बढ़ रही हैं. अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट के बावजूद पेट्रोल डीजल के दाम काफी ऊँचे स्तर पर हैं, राशन खाद गैस आदि सभी पर सब्सिडी ख़त्म कर दी गयी है, महंगाई सातवें आसमान पर है, रेल आदि सभी सरकारी उपक्रमों में जनता को मिली सुविधायें छीनी जारही हैं तथा सामाजिक और आर्थिक उत्पीड़न का एजेंडा लगातार जारी है.
उत्तर प्रदेश सरकार के विकास के दावों का खोखलापन तो इसीसे जाहिर होजाता है कि मौसम की मार से पीड़ित किसानों को कोई राहत नहीं मिल पा रही और बुंदेलखंड सहित प्रदेश के तमाम हिस्सों में किसान आत्महत्यायें कर रहे हैं. गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर रु. ६५० करोड़ बकाया है, लागतों में भारी वृध्दि के बावजूद तीन वर्षों से गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया नहीं गया, किसान रु.350/- प्रति कुंतल की मांग कर रहे हैं, बिजली विभाग बसूली के नाम पर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न कर रहा है- बिजली के कनेक्शन काटे जारहे हैं, बकायेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जारहीं हैं और रिश्वतें ली जारही हैं, बिजली मिल नहीं पारही, गरीबी की सीमा के नीचे वालों के राशन में कटौती कर दीगयी है, आये दिन महिलाओं और कमजोरों के उत्पीडन की बारदातें होरही हैं, क़ानून- व्यवस्था पंचर होगयी है, दलितों की जमीनों को हडपने का रास्ता खोल दिया गया है.
आतंकवाद के नाम पर पूर्व में गिरफ्तार लोगों को अदालतें रिहा कर रही हैं, मगर अब तमाम लोगों को आतंकी बता कर गिरफ्तार किया जारहा है. उन्हें अदालतों द्वारा दोषी ठहराने से पहले ही आतंकवादी के रूप में प्रचारित किया जा रहा है.
इन्हीं तमाम जनता से जुड़े सवालों पर भाकपा ने 11 फरबरी को जिलों में धरने, प्रदर्शन अथवा आम सभायें आयोजित करने का निश्चय किया है. जनता की इन समस्याओं के निराकरण के लिए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के लिए ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से भेजे जायेंगे.
डा.गिरीश
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