Thursday, February 25, 2016
भाजपा और संघ की फासिस्टी कार्यवाहियों के खिलाफ वामदल एकजुट होरहे हैं
वामदलों के लोकतंत्र बचाओ अभियान को व्यापक समर्थन
उत्तर प्रदेश में ज्यादातर जिलों में बड़ी संख्या में सडकों पर उतरे वामपंथी कार्यकर्ता
इलाहाबाद में आन्दोलनकारी वाम नेताओं पर किया गया कातिलाना हमला
दोषी हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग
लखनऊ 25 फरवरी: वामपंथी दलों के राष्ट्रीय आह्वान पर उत्तर प्रदेश में आयोजित लोकतंत्र बचाओ अभियान को जनता का व्यापक समर्थन मिला है. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में मार्च निकाले गए अथवा धरने प्रदर्शन आयोजित किये गए. वाम दलों ने इस सफलता के लिए प्रदेश की जनता को बधाई दी है.
ज्ञातव्य हो कि छः वामदलों ने 23 से 25 फरवरी तक पूरे देश में लोकतांत्रिक अधिकारों पर किये जारहे हमलों के खिलाफ, रोहित वेमुला को न्याय दिलाने, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कन्हैया कुमार को रिहा करने तथा उन पर एवं कई निर्दोष छात्रों पर लगे फर्जी मुकदमे वापस लेने आदि मांगों को लेकर तीन दिवसीय अभियान चलाने का निर्णय लिया था.
अभियान के दौरान आज वामदलों के शान्तिपूर्ण तरीके से आन्दोलन कर रहे कार्यकर्ताओं पर कचहरी के अन्दर कातिलाना हमला किया गया. हमले में दर्जनों कार्यकर्ता हताहत हुए हैं. हमला करने वालों में भाजपा कार्यकर्ता तथा उनके पिट्ठू वकील थे.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश एवं भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रेमनाथ राय ने यहाँ जारी एक संयुक्त प्रेस बयान में इलाहाबाद की घटना की घोर निंदा करते हुए दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है.
डा. गिरीश
Friday, February 12, 2016
कन्हैया कुमार को तत्काल रिहा किया जाये : भाकपा
लखनऊ-12, फरवरी—भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी( JNU) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी की कडे शब्दों में निंदा की है. भाकपा ने कन्हैया की तत्काल बिना शर्त रिहाई तथा जे.एन.यू. कैम्पस से पुलिस हठाने की मांग की है. भाकपा ने लखनऊ में एसएफआई कार्यालय पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये हमले और तोड फोड की भी निंदा की है तथा इस घटना के दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है.
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि गत दिन जेएनयू में हुये कार्यक्रम के दौरान कुछ तत्वों ने अवांछित नारे लगाये थे जिनकी पहचान कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाने की जरूरत थी. कन्हैया ने कल रात ही टी. वी. चैनल्स पर साफ कर दिया था कि इस तरह के नारे लगाने वालों से उनका कोई संबंध नहीं और उन्होने ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की थी.
कन्हैया कुमार वामपंथी छात्र संगठन आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन से संबधित हैं जिसकी आज़ादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है और सदैव ही यह संगठन छात्र एवं शैक्षिक हितों के लिये काम करता रहा है. गत दिनों इस संगठन ने अन्य छात्र संगठनों के साथ मिल कर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग पर तथा हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला की हत्या के खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाया है, जिससे केंद्र सरकार बौखलाई हुयी है.
केंद्र सरकार और उसका जनक संघ परिवार वामपंथी, दलित, अल्पसंख्यक और अन्य मेहनतकश तबकों को तवाह कर कार्पोरेट्स के हितों को साधने में लगे है और उसके लिये वे प्रतिरोध की आवाज को दबाना चाहते हैं. इसीलिये पहले दाभोलकर, पंसारे और कालबुर्गी की हत्यायें की गयीं और अब जेऐनयू, ए.एम.यू., लखनऊ, हैदराबाद और इलाहाबाद जैसे विश्वविद्यालयों की स्वायत्त्तताको निशाना बनाया जारहा है. जो सरकार आतंकवाद से निपटने में पूरी तरह विफल रही है वह ऐसे लोगों को देशद्रोही करार देने पर उतारु है जो आतंकवाद और सांप्रदायिकता से जूझते रहे हैं. वामपंथ पर यह हमला इस बात का संकेत दे रहा है कि फासीवाद पैर पसारने को मचल रहा है.
भाकपा सभी जनवादी ताकतों से अपील करती है कि वे केंद्र सरकार के इन तानाशाहीपूर्ण कदमों के खिलाफ कडा प्रतिवाद दर्ज करायें.
डा. गिरीश, राज्य सचिव
Sunday, February 7, 2016
केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ भाकपा का जिला केन्दों धरना प्रदर्शन 11 फरबरी को
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने अपनी समस्त जिला इकाइयों को निर्देशित किया है कि वे केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार के जन विरोधी कार्यों से जनता को राहत दिलाने को 11 फरबरी को जिला स्तर पर आन्दोलन करें.
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहाकि केन्द्र की मोदी सरकार बेशर्मी के साथ आर्थिक नव उदारवाद के एजेंडे पर चल रही है, इसके चलते जनता की समस्यायें लगातार बढ़ रही हैं. अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट के बावजूद पेट्रोल डीजल के दाम काफी ऊँचे स्तर पर हैं, राशन खाद गैस आदि सभी पर सब्सिडी ख़त्म कर दी गयी है, महंगाई सातवें आसमान पर है, रेल आदि सभी सरकारी उपक्रमों में जनता को मिली सुविधायें छीनी जारही हैं तथा सामाजिक और आर्थिक उत्पीड़न का एजेंडा लगातार जारी है.
उत्तर प्रदेश सरकार के विकास के दावों का खोखलापन तो इसीसे जाहिर होजाता है कि मौसम की मार से पीड़ित किसानों को कोई राहत नहीं मिल पा रही और बुंदेलखंड सहित प्रदेश के तमाम हिस्सों में किसान आत्महत्यायें कर रहे हैं. गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर रु. ६५० करोड़ बकाया है, लागतों में भारी वृध्दि के बावजूद तीन वर्षों से गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया नहीं गया, किसान रु.350/- प्रति कुंतल की मांग कर रहे हैं, बिजली विभाग बसूली के नाम पर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न कर रहा है- बिजली के कनेक्शन काटे जारहे हैं, बकायेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जारहीं हैं और रिश्वतें ली जारही हैं, बिजली मिल नहीं पारही, गरीबी की सीमा के नीचे वालों के राशन में कटौती कर दीगयी है, आये दिन महिलाओं और कमजोरों के उत्पीडन की बारदातें होरही हैं, क़ानून- व्यवस्था पंचर होगयी है, दलितों की जमीनों को हडपने का रास्ता खोल दिया गया है.
आतंकवाद के नाम पर पूर्व में गिरफ्तार लोगों को अदालतें रिहा कर रही हैं, मगर अब तमाम लोगों को आतंकी बता कर गिरफ्तार किया जारहा है. उन्हें अदालतों द्वारा दोषी ठहराने से पहले ही आतंकवादी के रूप में प्रचारित किया जा रहा है.
इन्हीं तमाम जनता से जुड़े सवालों पर भाकपा ने 11 फरबरी को जिलों में धरने, प्रदर्शन अथवा आम सभायें आयोजित करने का निश्चय किया है. जनता की इन समस्याओं के निराकरण के लिए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के लिए ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से भेजे जायेंगे.
डा.गिरीश
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