लखनऊ 4 मार्च। हाल ही में अंधविश्वास, संप्रदायवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जंग के चलते महाराष्ट्र के कोल्हापुर में शहीद हुये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता कामरेड गोविन्द पनसारे की स्मृति में भाकपा 16 मार्च को पूरे प्रदेश में ”अंधविश्वास, साम्प्रदायिकता एवं भ्रष्टाचार विरोधी दिवस“ का आयोजन करेगी।
उक्त निर्णय भाकपा के 28 फरवरी से 2 मार्च तक इलाहाबाद में सम्पन्न भाकपा के 22वें राज्य सम्मेलन में लिया गया। उपर्युक्त के सम्बंध में यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि केन्द्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद दकियानूसी, साम्प्रदायिक और आम जनता को लूटने वाली शक्तियां पूरी तरह से आजाद हो गयी हैं और वह अपना खुला खेल खेल रही हैं। इतना ही नहीं इन सबका विरोध करने वाले लोगों पर उन्होंने शारीरिक हमले तेज कर दिये हैं।
भाकपा के जुझारू नेता और उसके केन्द्रीय कंट्रोल कमीशन के सचिव कामरेड गोविन्द पनसारे महाराष्ट्र में ऐसी ही लड़ाई लड़ते रहे थे। उन्होंने वहां टोल टैक्स के खिलाफ जबरदस्त आन्दोलन छेड़ रखा था और पोंगापंथी एवं साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ वैचारिक लड़ाई भी लड़ रहे थे। इसी वजह से वे इन ताकतों के निशाने पर थे। अतएव गत दिनों कोल्हापुर में उनके और उनकी पत्नी के ऊपर प्राणघातक हमला किया गया। 6 दिनों तक जीवन और मौत से जूझने के बाद अंततः उन्होंने दम तोड़ दिया।
अफसोस की बात है कि महाराष्ट्र की भाजपा-शिव सेना गठबंधन की सरकार ने न तो कातिलों की गिरफ्तारी में सक्रियता दिखाई और न ही हत्या की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। भाकपा इसकी निन्दा करती है। पुणे में नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या के बाद दक्षिणपंथी ताकतों का यह दूसरा बड़ा कारनामा है।
भाकपा राज्य सचिव ने अपनी समस्त जिला इकाइयों का आह्वान किया है कि वे 16 मार्च को हर जिले में कामरेड पनसारे की स्मृति में उपर्युक्त कार्यक्रम का आयोजन करें। हर जगह विचार गोष्ठियां, सभायें करें अथवा धरना-प्रदर्शन कर ज्ञापन दें। अन्य जनवादी एवं प्रगतिशील ताकतों को भी इन आयोजनों में शामिल किया जाये।
कार्यालय सचिव
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