Wednesday, October 15, 2014
राज्यपाल द्वारा आर.एस.एस. पदाधिकारियों को भोज देना संविधान विरोधी- भाकपा
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने आर.एस.एस. के सरसंघ चालक श्री मोहन भागवत एवं उनके साथ अन्य वरिष्ठ प्रचारकों को राज्यपाल श्री राम नायक द्वारा विगत रात्रि दिये गये भोज और उनके साथ की गयी विशेष मन्त्रणा पर घनघोर आपत्ति व्यक्त की है.
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा.गिरीश ने कहा कि श्री राम नायक की जो भी प्रष्ठभूमि रही हो, पर अब वे एक संवैधानिक पद पर आसीन हैं. भारत का संविधान एक धर्मनिरपेक्ष संविधान है और आर.एस.एस. एक अतिवादी सांप्रदायिक संगठन है. अतएव संघ के कार्यकारी मंडल के पदाधिकारियों को एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा रात्रिभोज देना और उनसे मंत्रणा करना देश के हितों के विपरीत है.
बयान में कहा गया है कि समाचार पत्रों के अनुसार संघ के प्रमुख पदाधिकारियों तथा राज्यपाल महोदय के बीच दो घंटों तक विभिन्न राजनैतिक मुद्दों पर चर्चा हुयी है. यही नहीं इस भोज में संघ के प्रमुख पदाधिकारियों के अतिरिक्त अन्य विशिष्ट जनों को भी बुलाया गया था. प्रदेश और देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि वे कौन से प्रमुख विषय हैं जिन पर राज्यपाल महोदय एवं श्री मोहन भागवत के बीच बातें हुयीं हैं तथा वो कौन कौन से विशिष्ट लोग हैं जो रात्रि भोज में उपस्थित थे.
बयान में यह सवाल उठाया गया है कि राज्यपाल महोदय ने इन स्थितियों का संज्ञान क्यों नहीं लिया कि आर.एस.एस. ने विचारणीय मुद्दों में धर्मान्तरण, लव जेहाद, कथित घुसपैठ आदि आदि ऐसे ऐसे विन्दु रखे हैं जिनसे समाज में तनाव, विग्रह एवं सांप्रदायिक विद्वेष पैदा होता रहा है.
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में संघ के समीपस्थ नेताओं ने ऐसे-ऐसे बयानात दिये थे जिन पर इलेक्शन कमीशन तक को संज्ञान लेना पड़ा था. राज्यपाल महोदय से मिलने वाले संघ के एक पदाधिकारी पर तो अजमेर बोम्ब ब्लास्ट तथा हैदराबाद की मस्जिद में बम ब्लास्ट मामले में जांच चल रही है.
डा.गिरीश ने कहा कि राज्यपाल महोदय ने सांप्रदायिक संगठन के पदाधिकारियों को रात्रिभोज देकर अपने संवैधानिक दायित्वों से इतर कार्य किया है जो अत्यन्त आपत्तिजनक है.
डा. गिरीश, राज्य सचिव.
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