Sunday, September 7, 2014
भाजपा विभाजन की राजनीति पर ही जिन्दा है- भाकपा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मंडल ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि शाह के बयान से स्पष्टतः साबित होगया है कि विकास का भाजपा का नारा ढकोसला मात्र है, और सत्ता हथियाने को वह सांप्रदायिकता को ही कारगर और सबसे अब्बल औजार समझती है.
श्री शाह के बयान कि “यदि उत्तर प्रदेश में तनाव बना रहा तभी भाजपा की सरकार बनेगी” की कड़े से कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुये भाकपा, उ. प्र. के सचिव डा.गिरीश ने कहा कि भाजपा एक साम्राज्यवादपरस्त और पूंजीवादपरस्त पार्टी है और इन्हीं तबकों के हितसाधन में जुटी रहती है. इन्ही वर्गों के हितों को पूरा करने को वह सत्ता हासिल करना चाहती है. सत्ता हासिल करने को भले ही वह विकास का राग अलापे उसका मुख्य औजार सांप्रदायिक विभाजन है. इसी उद्देश्य से उसने उत्तर प्रदेश में होरहे उपचुनावों में एक घनघोर सांप्रदायिक चेहरे- योगी आदित्यनाथ को आगे बढ़ाया. अब अमितशाह के बयान से उसके कुत्सित इरादे पूरी तरह सामने आगये हैं.
डा. गिरीश ने इस बात पर गहरा आश्चर्य जताया कि इस तरह की बयानबाजियों अथवा कारगुजारियों का न तो निर्वाचन आयोग संज्ञान लेरहा है न राज्य सरकार. भाकपा की स्पष्ट राय है कि उत्तर प्रदेश सरकार को योगी और शाह के खिलाफ माकूल धाराओं में केस दर्ज कर उन्हें जेल के सींखचों के पीछे भेजना चाहिये. सर्वोच्च न्यायालय ने भी सांप्रदायिकता भडकाने के प्रयासों पर तीखी टिप्पणी करते हुये सांप्रदायिकता को संविधान की मूल आत्मा के विरुध्द बताते हुए इसे फ़ैलाने बढ़ाने वालों को कड़ी फटकार लगाई है. निर्वाचन आयोग को भी इसका संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्यवाही करनी चाहिये.
डा.गिरीश
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