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Saturday, April 30, 2011

कुरूक्षेत्र में होगा भारतीय खेत मजदूर यूनियन का 12वां राष्ट्रीय अधिवेशन


पानीपतः भारतीय खेत मजदूर यूनियन का 12वां राष्ट्रीय महाधिवेशन 11 से 14 अक्टूबर 2011 को कुरूक्षेत्र में आयोजित किया जायेगा, यह निर्णय 29 मार्च को भगतसिंह स्मारक, सभागार में सम्पन्न हरियाणा खेत मजदूर यूनियन के राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में लिया गया। कार्यकर्ता सम्मेलन की अध्यक्षता यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जिले सिंह पाल ने की और संचालन यूनियन के प्रदेश महासचिव दरियाव सिंह कश्यम ने किया। ज्ञात हो हरियाणा खेत मजदूर यूनियन की भारतीय खेत मजदूर यूनियन की राज्य इकाई है, सम्मेलन में राज्य भर से आये सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के केन्द्रीय सचिव अमरजीत कौर ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारे खेत मजदूरों के उत्थान के लिये ठोस कदम नहीं उठा रही, ग्रामीण गरीबों के लिये जा आधी-अधूरी योजनाएं चल रही हैं उनमंे भ्रष्टाचार का बोल-बाला है। उन्हांेने कहा कि आज देश में अरबपतियों-खरबपतियों की संख्या बढ़ रही है लेकिन गरीबों की संख्या में कमी नहीं आ रही। केन्द्रीय बजट की चर्चा करते हुए अमरजीत कौर ने कहा कि भारत गांवों में बसता है लेकिन इस बजट में ग्रामीण विकास एवं मनरेगा के लिये पिछले वर्ष के मुकाबले कम रकम आवंटित की गई है यह चिन्ता की बात है। उन्होंने कहा कि बी.के.एम.यू. के राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी में जी-जान से जुटना होगा और खेत मजदूरों के बीच केन्द्र व राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जनमत तैयार करना होगा।

भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सांसद नागेन्दनाथ ओझा ने कहा कि बी.के.एम.यू. का राष्ट्रीय सम्मेलन कराने का बहुत बड़ा कार्य हरियाणा के साथियों ने अपने जिम्मे लिया है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन यूनियन की 2010 की सदस्यता के आधार पर होगा। हमारी यूनियन की सदस्यता संख्या 15 लाख हैं इस सम्मेलन में असम, त्रिपुरा, उड़ीसा, तमिलनाडू, केरल, आंध्रप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल सहित देश के 25 राज्यों से 1000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय खेत मजदूर यूनियन ने मोगा में अपने स्थापना सम्मेलन से लगातार खेत मजदूरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अनेक आंदोलन चलाये हैं। कुरूक्षेत्र सम्मेलन खेत मजदूर आंदोलन को तेज करने में मददगार साबित होगा।

सम्मेलन केा हरियाणा एटक के महासचिव जयपाल, हरियाणा बैंक अम्पलाईज फैडरेशन के महासचिव एन.पी. मुंजाल, हरियाणा किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सम्पूर्ण सिंह पुरी, महासचिव सतपाल सिंह बैनीवाल, सी.पी.आई. के प्रदेश सचिव रघबीर सिंह चौधरी ने भी सम्बोधित किया। रामकुमार मलिक, फकीर चन्द, प्र्रेमसिंह, गुरचरण सिंह, जिलेसिंह पाल, मन्जीत सिंह, रामदिया धीमान आदि ने भी सम्मेलन में विचार प्रकट किये और सम्मेलन की सफलता में भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिया। सम्मेलन की तैयारी में मई और जून महीने में विशेष फंड संग्रह अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। इस दौरान राज्य में 30 हजार परिवारों तक सम्पर्क किया जायेगा।

Thursday, October 7, 2010

भारतीय खेत मजदूर यूनियन की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति के फैसले

भारतीय खेत मजदूर यूनियन की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक 23 एवं 24 अगस्त 2010 को नई दिल्ली में यूनियन के अध्यक्ष अजय चक्रवर्ती पूर्व सांसद की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जनरल सेक्रेटरी नागेन्द्र नाथ ओझा ने दिनांक 5 एवं 6 मई 2010 को पटना में हुई जनरल कौसिंल की बैठक के बाद गतिविधियों पर एक रिपोर्ट समीक्षा के लिए पेश की। विचार-विमर्श के बाद निम्नांकित फैसले लिये गये।



1. टेªड यूनियनों द्वारा आहूत 7 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल में खेत मजदूर को भारी संख्या में गोलबंद किया जाये। यूपीए-2 सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों के विरूद्ध आयोजित इस हड़ताल को खेत मजदूरों की विशाल भागीदारी से अत्यंत ही जुझारू बनाया जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य यूनिटें खेत मजदूरों की भारी भागीदारी सुनिश्चित करें।



2. खेत मजदूरों का संसद मार्च: यूनियन की केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति ने खेत मजदूरों के ‘संसद मार्च’ (दिल्ली रैली) के लिए 2011 साल में मार्च महीने के प्रथम पखवाड़े में आयोजित करने का फैसला किया। भाखेमयू, खेत मजदूरों की मांगों को लेकर इस रैली के लिए अभी से तैयारी शुरू कर देगी।



- ‘चलो पार्लियामेंट’ के आह्वान को लेकर तैयारी पूरी करने हेतु कन्वेंशन, सम्मेलन तथा आम सभाएं आयोजित कर इसका संदेश लोगों के बीच ले जाया जाये,



- आगामी अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर माह में विभिन्न स्तरों पर सरकारी कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन आयोजित कर खेत मजदूर आंदोलन की मांगों को, जो प्रधानमंत्री को संबोधित हो पेश किया जाये;



- ‘चलो पार्लियामेंट’ को लेकर पर्चे एवं पोस्टर प्रसारित किये जायें;



2011 जनवरी एवं फरवरी के माह में जिलों के अंदर “जत्था मार्च” का कार्यक्रम चलाया जाये।



पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र से खेत मजदूरों की भारी गोलबंदी पर ही इस कार्यक्रम की सफलता निर्भर करेगी। अतः इनकी राज्य यूनिटों की विशेष जवाबदेही है। इन राज्यों में खेत मजदूरों की गोलबंदी के लिए व्यापक अभियान चलाया जाये।



-रैली के लिए पूर्व से निर्धारित कोष संग्रह के लक्ष्य को सभी राज्य यूनिटें पूरा कर दिसंबर के अंत तक जमा करा दें। रैली की तिथि का ऐलान भी शीघ्र कर दिया जायेगा।



3. मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर 2010 का कार्यक्रम: 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। कार्यकारिणी समिति ने 10 दिसंबर 2010 को ‘मानवाधिकार दिवस’ को भूमिहीनों के बीच खेती एवं आवासीय भूमि के वितरण की मांग को लेकर मनाने का आह्वान किया है। इसमें बंटाईदारों के हक एवं आदिवासियों के भूमि अधिकार संरक्षण की मंागें भी शामिल हैं। 15 डिसमिल आवासीय भूमि और आवास योजना के अंतर्गत 3 लाख रुपये की मांग को शक्तिशाली ढंग से उठाना है। इसी के साथ शामिल है इंदिरा आवास योजना के अंदर हाल में बने क्षतिग्रस्त मकानों के पुनर्निर्माण की मांग। खाद्य सुरक्षा, अस्पृश्यता निवारण और अत्याचार पर रोक की मांगेे भी उठायी जायें।



इस अवसर पर स्थानीय बाजारों में खेत मजदूरों के जुलूस, मशाल जुलूस, सभाएं और कन्वेंशन आयोजित करें। इसे व्यापक पैमाने पर मनाने की योजना बनाकर उसे लागू करें।



4. राष्ट्रीय सम्मेलन: केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति ने राष्ट्रीय सम्मेलन 2011 में संपन्न करने का फैसला किया जो अक्टूबर या नवम्बर में होगा। सम्मेलन की तिथि एवं स्थान की सूचना शीघ्र दी जायेगी। 12वां राष्ट्रीय सम्मेलन 2010 की सदस्यता के आधार पर होगा।



5. खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं की राष्ट्रीय स्तर पर एक बैठक आगामी दिसम्बर माह के अंत तक आयोजित की जायेगी जिसमें केन्द्रीय खेत मजदूर विभाग, राज्य के ख्ेात मजदूर विभाग अथवा खेत मजदूर उपसतिति के सदस्य भाग लेंगे और प्रत्येक राज्य में 2 से 5 तक की संख्या में अन्य प्रमुख साथी इस बैठक के लिए आमंत्रित किये जायेंगे। यह बैठक खेत मजदूर आंदोलन की वर्तमान चुनौतियों और कर्तव्य विषयक एक प्रस्तावित दस्तावेज पर विचार-विमर्श के उद्देश्य से आयोजित होने वाली है। बैठक की तिथि एवं स्थान की सूचना शीघ्र ही तय की जायेगी।



6. कार्यकारिणी ने यूनियन के राज्य सचिवों से आग्रह किया हे कि वे राज्य परिषदों की बैठक कर इन फैसलों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करें। निर्धारित अवधि के अंदर रैली के लिए फंड एवं यूनियन की सदस्यता का लक्ष्य पूरा कर लिया जाये।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश राज्य परिषद्