Tuesday, January 13, 2015

हाथरस की घटनाओं पर संकीर्ण राजनीति कर रही है भाजपा : भाकपा नेतृत्व ने किया दौरा.

लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा.गिरीश एवं सहसचिव अरविन्द राज स्वरूप ने आज स्थानीय भाकपा नेताओं के साथ हाथरस का दौरा किया जहां कल दो पक्षों के मध्य चल रही आपसी खींचतान ने सांप्रदायिक रूप लेलिया था. भाकपा नेताओं ने हाथरस में सभी लोगों से मुलाकातें कीं और शान्ति और सभी से सद्भाव बनाये रखने की अपील की जिसके लिए हाथरस सुविख्यात है. अपने दौरे के बाद जारी बयान में भाकपा नेताओं ने कहाकि यद्यपि हाथरस में आपसी मेल मिलाप और भाईचारे की लम्बी परंपराएँ हैं लेकिन निहित राजनैतिक स्वार्थों ने इसे कई बार सांप्रदायिकता की आग में धकेलने की कोशिश की है. कल की घटना भी एक ऐसी ही घटना है जिसमें एक संप्रदाय के कुछ लोगों और चन्द सफाई कर्मियों के बीच चल रहा विवाद निहित राजनैतिक स्वार्थों के चलते सांप्रदायिकता में बदल गया. आज घटनाक्रम तेजी से सामान्य होता दिखा जिसके लिए हाथरस का जन मानस सचमुच बधाई का पात्र है. भाकपा नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की असफलताओं से ध्यान बाटने को संघ परिवार के नेता लगातार भड़कावेपूर्ण बयानबाजी कर रहे हैं. इससे तनाव का माहौल पैदा होरहा है और कहीं भी कोई छोटी वारदात सांप्रदायिक मोड़ ले लेती है. हाथरस में भी कल ऐसा ही हुआ और स्थानीय भाजपा नेताओं ने आग में घी डालने का काम किया. यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि गत माहों में हाथरस भाजपा ने अपनी निहित स्वार्थपूर्ण राजनीति के चलते हर ऐसी वारदात में जो दो अलग अलग समुदायों से संबन्धित थी, यहाँ के जिलाधिकारी को भी जबरदस्ती घसीटने की कोशिश की क्योंकि वे अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखते हैं. भाकपा एक प्रशासनिक अधिकारी के मनोबल को तोड़ने की इस साजिश की निंदा करती है. भाकपा ने स्थानीय सपा नेताओं पर भी आरोप लगाया है कि वे तमाम स्थानीय मामलों में गैर जरूरी और नाजायज दखलंदाजी कर प्रशासन को पंगु बना देते हैं. इससे कई फोड़े केंसर का रूप धारण कर लेते हैं. सपा नेतृत्व को इस ओर ध्यान देना चाहिये. भाकपा ने हाथरस प्रशासन से मांग की कि वह कल की घटनाओं के सभी दोषियों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कड़ी कार्यवाही करे और उन तत्वों पर कड़ी नजर रखे जो आज भी सांप्रदायिक वातावरण बनाने की कोशिशों में जुटे हैं. भाकपा नेताओं के साथ हाथरस के जिला सचिव चरणसिंह बघेल, नगर सचिव जगदीश आर्य, सत्यपाल रावल, आर. डी. आर्य, दुर्गपाल सिंह एवं दिलशाद आदि भी थे. डा.गिरीश.

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